दुनिया भर में हाथियों की आबादी पहले से ही खतरे में है. ऊपर से एक घातक वायरस EEHV (Elephant Endotheliotropic Herpesvirus) ने स्थिति और बिगाड़ दी थी. यह वायरस हाथी के बच्चों (calves) पर सबसे ज्यादा असर डालता है और कुछ ही दिनों में उनकी जान ले लेता है. EEHV अब तक न तो पालतू (कैद) हाथियों को छोड़ता था और न ही जंगली झुंडों को. सिर्फ इंग्लैंड के चेस्टर जू में ही पिछले कुछ सालों में 5 हाथियों की मौत इसी वायरस से हुई थी.
वैज्ञानिकों ने बनाई पहली प्रभावी वैक्सीन
अब इस जानलेवा वायरस से लड़ने के लिए उम्मीद की किरण दिखी है. ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ सरे चेस्टर जू, और UK’s Animal and Plant Health Agency के वैज्ञानिकों ने मिलकर EEHV के खिलाफ दुनिया की पहली वैक्सीन तैयार की है. इस वैक्सीन के शुरुआती ट्रायल बेहद सफल रहे हैं.
वैक्सीन कैसे काम करती है
यह वैक्सीन दो डोज में दी जाती है. पहली डोज में वायरस का एक मृत और हानिरहित संस्करण होता है, जो शरीर की इम्यून सिस्टम को वायरस की पहचान करवाता है. दूसरी डोज बूस्टर शॉट होती है, जो शरीर की इम्यूनिटी को और मजबूत करती है. ट्रायल में पाया गया कि यह वैक्सीन मजबूत इम्यून रेस्पॉन्स पैदा करती है. यानी शरीर EEHV वायरस को पहचानकर उससे लड़ने की क्षमता हासिल कर लेता है. खास बात यह रही कि किसी भी हाथी में कोई साइड इफेक्ट नहीं देखा गया.
वायरस से लड़ने वाली एंटीबॉडीज बनी
इस वैक्सीन के असर को समझने के लिए वैज्ञानिकों ने टीका लगे और बिना टीका लगे हाथियों के खून के सैंपल की तुलना की. टीका लगे हाथियों के शरीर में वायरस से लड़ने वाली एंटीबॉडीज ज्यादा और ज्यादा सक्रिय थीं. इससे यह निष्कर्ष निकाला गया कि यह वैक्सीन न सिर्फ EEHV से मौतें रोक सकती है, बल्कि हाथियों के संरक्षण को भी सुरक्षित बनाएगी.
प्रोफेसर फाल्को स्टाइनबाख, यूनिवर्सिटी ऑफ सरे के वेटरनरी इम्यूनोलॉजी एक्सपर्ट, कहते हैं- यह हमारी रिसर्च का ऐतिहासिक पल है. पहली बार हमने साबित किया है कि हाथियों में वैक्सीन वह इम्यून रेस्पॉन्स उत्पन्न कर सकती है, जो उन्हें EEHV से बचा सके.
जंगली हाथियों के लिए भी उम्मीद
वैज्ञानिकों का मानना है कि आने वाले समय में यह वैक्सीन जंगली हाथियों के लिए भी लाइफसेवर साबित हो सकती है. जंगलों में रहने वाले हाथियों के झुंड अक्सर EEHV के संक्रमण से प्रभावित होते हैं, जिससे पूरी प्रजाति के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगता है. अगर इस वैक्सीन को बड़े पैमाने पर लागू किया गया, तो यह हाथियों के संरक्षण प्रयासों को नई दिशा दे सकती है.