राजस्थान के नागौर शहर में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां एक ई-मित्र सेंटर पर खड़े युवक को अचानक साइलेंट हार्ट अटैक आ गया. लेकिन, वहां मौजूद ई-मित्र संचालक सुरेंद्र सोलंकी की त्वरित सूझबूझ और CPR (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) के इस्तेमाल ने युवक की जान बचा ली. यह पूरी घटना सेंटर पर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, जो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है.
क्या हुआ था उस दिन?
नागौर के नया दरवाजा इलाके में स्थित सोलंकी ई-मित्र सेंटर पर 18 जून 2025 को दोपहर के समय नरपत पुत्र जयसिंह, जो जोगी मार्केट का निवासी है, जन आधार कार्ड में करेक्शन करवाने के लिए आया था. सेंटर पर भीड़ होने के कारण वह अपनी बारी का इंतजार कर रहा था. अचानक, वह खड़े-खड़े लड़खड़ाया और धड़ाम से जमीन पर गिर पड़ा. सीसीटीवी फुटेज में साफ दिखाई देता है कि नरपत के गिरते ही वहां मौजूद लोग घबरा गए, लेकिन संचालक सुरेंद्र सोलंकी ने तुरंत स्थिति को संभाला.
सुरेंद्र ने बिना देर किए सभी लोगों को बाहर निकाला, नरपत को सीधा लिटाया, और देखा कि वह पसीने से लथपथ है और सांस नहीं ले पा रहा. सुरेंद्र को तुरंत समझ आ गया कि यह हार्ट अटैक का मामला हो सकता है.
उन्होंने बिना घबराए CPR शुरू किया, जो उन्होंने पहले यूट्यूब वीडियो देखकर सीखा था. करीब 10 मिनट तक लगातार CPR देने के बाद नरपत को होश आने लगा. उसने धीरे-धीरे आंखें खोलीं और पूछा, “मुझे क्या हुआ?” इसके बाद सुरेंद्र ने नरपत के परिजनों को सूचना दी और उन्हें सेंटर पर बुलाया.
एक आम आदमी, असली हीरो
सुरेंद्र सोलंकी ने बताया, “मैंने पहले यूट्यूब पर हार्ट अटैक के दौरान प्राथमिक उपचार के बारे में देखा था. मुझे CPR की थोड़ी-बहुत जानकारी थी, लेकिन मैंने कभी इसका इस्तेमाल नहीं किया था. उस दिन नरपत को गिरते देख मैं समझ गया कि यह गंभीर स्थिति है. मैंने तुरंत उसे लिटाया और CPR शुरू किया. करीब 10 मिनट तक मैंने CPR दी, तब जाकर उसकी सांसें लौटीं. यह मेरे लिए भी एक नया अनुभव था, लेकिन आज वह जानकारी काम आ गई.” सुरेंद्र की इस सूझबूझ की हर तरफ तारीफ हो रही है.
सीसीटीवी फुटेज है मूक गवाह
घटना का पूरा वीडियो सेंटर पर लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गया. फुटेज में दिखाई देता है कि नरपत अचानक सीने पर हाथ रखकर लड़खड़ाता है और जमीन पर गिर जाता है. इसके बाद सुरेंद्र उसे लिटाकर CPR देना शुरू करता है. यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, और लोग इसे शेयर कर CPR की अहमियत पर चर्चा कर रहे हैं.
एक बढ़ता खतरा साइलेंट हार्ट अटैक
चिकित्सकों के अनुसार, साइलेंट हार्ट अटैक तब होता है, जब दिल तक खून का प्रवाह रुक जाता है, लेकिन इसके लक्षण स्पष्ट नहीं होते. नरपत के मामले में भी कोई बड़ा लक्षण नहीं दिखा, जिसके कारण उसे तुरंत समझना मुश्किल था. वहीं, CPR एक इमरजेंसी प्रक्रिया है, जिसमें छाती को दबाकर और आर्टिफिशियल सांस देकर दिल की गति को बहाल किया जाता है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर हार्ट अटैक के पहले 4-6 मिनट में CPR शुरू कर दिया जाए, तो मरीज के बचने की संभावना 50% तक बढ़ जाती है.
(केशा राम की रिपोर्ट)