मध्य प्रदेश में घर-घर लग रहे बिजली के स्मार्ट मीटर अब सिर्फ बिजली बिल और तकनीक की कहानी नहीं रहे बल्कि इस बार ये सियासी बवाल की वजह बन गए हैं. वजह? इन स्मार्ट मीटर का पाकिस्तान से कथित कनेक्शन.
मामला कैसे सामने आया?
इंडिया स्मार्ट ग्रिड फोरम ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर चेतावनी दी कि मध्य प्रदेश में लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर साइबर अटैक का खतरा पैदा कर सकते हैं. वजह यह है कि इस परियोजना का ठेका सऊदी अरब की एक कंपनी को मिला है, और इस कंपनी में ऊंचे पदों पर पाकिस्तानी नागरिक काम कर रहे हैं.
यानी तकनीकी सिस्टम में पाकिस्तान का ‘इनसाइड एक्सेस’ होने की आशंका, जिससे सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं.
बीजेपी की सफाई
भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा, “अगर इस कंपनी में पाकिस्तानी अधिकारी शामिल हैं, तो प्रदेश में एक भी मीटर नहीं लगेगा.” उन्होंने याद दिलाया कि भारत ने पाकिस्तान से खेल और संस्कृति समेत सभी रिश्ते खत्म कर दिए हैं, जब तक वह अपने रवैये में बदलाव नहीं लाता.
कांग्रेस का हमला
पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने इसे सीधा राष्ट्रीय सुरक्षा का खतरा बताया. उनका कहना है, “ये पाकिस्तान की सोची-समझी रणनीति हो सकती है. ऐसे मीटर के जरिए साइबर अटैक या धमाके भी हो सकते हैं.”
उन्होंने सरकार से तुरंत टेंडर रद्द करने की मांग की और तंज कसते हुए कहा कि पहले एमपी मेट्रो में तुर्की के पार्ट्स लगाए गए थे और अब स्मार्ट मीटर में पाकिस्तानी एंगल आ गया है.
अगर ये आरोप सही साबित होते हैं, तो यह सिर्फ तकनीकी विवाद नहीं बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा पर सीधा खतरा होगा. अब देखना ये है कि क्या सरकार मीटर हटवाएगी, टेंडर रद्द करेगी या फिर इसे “सिर्फ अफवाह” बताकर मामला ठंडा कर देगी.