scorecardresearch

Aam Aadmi Party: चुनाव आयोग कर रहा लोकतंत्र की हत्या करने की कोशिश, ‘Vote Chori’ के दावों पर अरविंद केजरीवाल की पार्टी AAP का तीखा हमला

बीजेपी और चुनाव आयोग पर कथित 'वोट चोरी' को लेकर आम आदमी पार्टी के सांसदों ने विपक्ष की दूसरी पार्टियों के सांसदों के साथ संसद से चुनाव आयोग तक मार्च कर विरोध दर्ज कराया. अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी आप ने कहा कि चुनाव आयोग लोकतंत्र की हत्या पर तुला हुआ है.

Arvind Kejriwal (File Photo: PTI) Arvind Kejriwal (File Photo: PTI)

आम आदमी पार्टी (AAP) ने सोमवार को चुनाव आयोग और भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की और उन पर आगामी बिहार विधानसभा चुनावों से पहले चुनावी धांधली का आरोप लगाया. अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी ने कहा कि चुनाव आयोग लोकतंत्र की हत्या पर तुला हुआ है. आम आदमी पार्टी के सांसदों ने विपक्ष की दूसरी पार्टियों के सांसदों के साथ संसद से चुनाव आयोग तक मार्च कर विरोध दर्ज कराया. 

आप ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वीडियो की एक शृंखला जारी की, जिसमें 'वोट चोरी'के आरोपों को फिर से उठाया गया और उसे बिहार में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) यानी विशेष गहन पुनरीक्षण से जोड़ा गया. SIR के जरिए मतदाता सूची को अपडेट किया जाता है लेकिन आप सहित अन्य विपक्षी पार्टियां इस प्रक्रिया को लेकर विरोध जता रही हैं.

आम आदमी पार्टी ने लगाए आरोप
आप की ओर से जारी एक वीडियो में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की एक पुरानी क्लिप है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि भाजपा ने चुनाव आयोग के साथ मिलीभगत करके दिल्ली के शाहदरा निर्वाचन क्षेत्र के एक विधानसभा क्षेत्र से 11,000 से अधिक वोटों को हटाने का प्रयास किया. वीडियो का शीर्षक है, भाजपा एक बार फिर चुनाव आयोग के साथ मिलकर 'वोट चोरी' करने की साजिश कर रही है..., और यह इस बात को रेखांकित करता है जिसे आम आदमी पार्टी मतदाता दमन की रणनीति का एक पैटर्न बताती है. क्लिप में केजरीवाल कहते सुनाई दे रहे हैं, भाजपा बेईमानी से लड़कर चुनाव जीतना चाहती है. शाहदरा में उसी विधानसभा में 11,008 वोट काटने के लिए उन्होंने आवेदन कैसे दे दिया?. साथ में दिए गए विवरण में आरोप लगाया गया है कि इसी तरह की रणनीति अब बिहार में भी अपनाई जा रही है, जहां मृत व्यक्तियों के नाम अद्यतन मतदाता सूची में दिखाई देते हैं, जबकि वैध मतदाताओं को अपनी पहचान दर्ज कराने या सत्यापित करने में नौकरशाही बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है.

सम्बंधित ख़बरें

बिहार में चल रही मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया में अनियमितता 
आप के वीडियो में बीबीसी की एक रिपोर्ट की क्लिप दिखाई गई है, जिसमें बिहार के निवासियों को दस्तावेजों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है और एक व्यक्ति दावा कर रहा है कि उसे गलत तरीके से मृतक के रूप में सूचीबद्ध किया गया है.अब मेरे पास कोई पहचान नहीं है, वह कहता है. वीडियो में दावा किया गया है कि कुछ मामलों में, एक ही पते पर 250 तक मतदाता पंजीकृत दिखाए गए हैं. यह स्पष्ट है कि भाजपा के निर्देश पर किए गए एसआईआर का उद्देश्य मतदाता सूची में सुधार करना नहीं, बल्कि लक्षित समूहों से उनके मतदान के अधिकार को छीनना है. दूसरे वीडियो में, आम आदमी पार्टी ने बिहार में चल रही मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया में अनियमितताओं को उजागर करने वाली कई खबरें दिखाईं हैं. इनमें से एक खबर चुनाव आयोग द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दिए गए उस बयान का हवाला देती है, जिसमें आयोग ने कहा था कि वह 65 लाख हटाए गए मतदाताओं के नाम सार्वजनिक नहीं कर सकता और यह भी कि मतदाता सूची से उनके नाम हटाए जाने के कारणों को प्रकाशित करने का कोई वैधानिक आदेश नहीं है.

चुनाव आयोग से संशोधन प्रक्रिया रोकने की मांग
वरिष्ठ आप नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह, अन्य पार्टी नेताओं के साथ सोमवार को संसद में विपक्षी सांसदों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए और चुनाव आयोग से संशोधन प्रक्रिया रोकने और पूर्ण पारदर्शिता की मांग की. संसद में हुए विरोध प्रदर्शन की एक क्लिप आम आदमी पार्टी ने अपने सोशल मीडिया पर भी साझा की है. आपको मालूम हो कि बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, इसलिए मतदाता सूची संशोधन का समय और उद्देश्य संसद के मॉनसून सत्र में एक बड़ा मुद्दा बन गया है.