उदारता हो तो ऐसी...शादी से पहले दुल्हन ने 150 बच्चों को खिलाया खाना

ब्यावरा शहर के रामलीला मार्ग पर रहने वाली 23 वर्षीय मुबारिका ने BHMS की पढाई की है और वह एक होम्योपैथी के डॉक्टर है, मुबारिका सैफी की शादी 6 जनवरी को इंदौर में रहने वाले अब्बास अली से होने वाली है, लेकिन उससे पहले मुबारिका ने इन बच्चों को खाना खिलाने की सोची. 

शादी से पहले दुल्हन ने 150 बच्चों को खिलाया खाना
gnttv.com
  • राजगढ़,
  • 05 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 8:59 PM IST
  • डॉक्टर दुल्हन ने पेश की मिसाल
  • होम्योपैथी की पढ़ाई कर रही है मुबारिका

कहते हैं जिसका कोई नहीं होता उसका भगवान होता है. ये खबर भी कुछ इसी तरह की है. दरअसल मध्य प्रदेश के राजगढ़ में एक दुल्हन ने अपनी शादी से पहले 150 जरूरतमंद बच्चों को खाना खिलाकर उनका पेट भरा है. शादी से पहले दुल्हन ने जरूरतमंद गरीब बच्चों को बड़े रेस्टोरेंट में मनपसंद खाना खिलाया. इस दुल्हन का कहना है कि बच्चों में भगवान का वास होता है. 

डॉक्टर ने पेश की मिसाल
मध्य प्रदेश राजगढ़ में पेशे से डॉक्टर एक युवती ने अपनी शादी के 2 दिन पहले गरीब जरूरतमंद बच्चों के साथ बड़े से होटल में खुशियां मना कर एक मिशाल पेश की है. अक्सर आपने लोगों को अपनी शादी में मेहमानों को अच्छे से अच्छा खाना खिलाते देखा है, लेकिन राजगढ़ में एक दुल्हन ने अपनी  शादी के 2 दिन पहले 150 जरूरतमंद गरीब बच्चों को बड़े होटल में लेजाकर उन्हें अपना मनपसन्द खाना खिलाकर एक मिसाल पेश की है.

होम्योपैथी की पढ़ाई कर रही है मुबारिका
दरअसल ब्यावरा शहर के रामलीला मार्ग पर रहने वाली 23 वर्षीय मुबारिका ने BHMS की पढाई की है और वह एक होम्योपैथी के डॉक्टर है, मुबारिका सैफी की शादी 6 जनवरी को इंदौर में रहने वाले अब्बास अली से होने वाली है, लेकिन उससे पहले मुबारिका ने इन बच्चों को खाना खिलाने की सोची. 

मुबारिका की पहल से खुश हैं उनके पति
वहीं मुबारिका के होने वाले पति अब्बास की इंदौर में सेंचुरी इंडस्ट्री प्लास्टिक प्रोडक्ट की फेक्ट्री है, मुबारिका ने अपनी शादी से 2 दिन पहले ब्यावरा के आसपास कचरा उठाकर पेट भरने बच्चों को बड़े होटल में लेकर दावत दी है. जिसमे उन्होंने गरीब बच्चों को अपना मनपसंद खाना खिला कर उन्हें खुशियां दी है. उनके पति का कहना है कि वो भी इस पहल से काफी खुश हैं.

खाना खाने के बाद संतुष्ट है बच्चे
मुबारिका सैफी का कहना है कि बच्चों में भगवान का वास होता है. ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए इससे बेहतर अवसर नही हो सकता है. इस पहल में थोड़ा योग दान करके समाज में एक नई पहल की कोशिश की है. खाना खाने के बाद ये बच्चे भी काफी खुश और संतुष्ट नजर आ रहे हैं.

(पंकज शर्मा की रिपोर्ट)

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