INS Vikrant के बाद अब देश को मिलने जा रहा है तारागिरी युद्धपोत... इसपर ब्रह्मोस मिसाइल की भी हो सकती है तैनाती, जानें और किन फीचर्स से है लैस 

Taragiri Warship: आईएनएस विक्रांत के बाद अब देश को तारागिरी युद्धपोत मिलने जा रहा है. इसकी लॉन्चिंग मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में होनी है. इसे P-17A प्रोजेक्ट के तहत बनाया गया है. ये कई एडवांस फीचर्स से लैस है.

Warship
अपूर्वा सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 11 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:36 PM IST
  • इसपर ब्रह्मोस मिसाइल की भी हो सकती है तैनाती 
  • 90 से ज्यादा वॉरशिप बना चुका है भारत 

आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) की भव्य कमीशनिंग का उत्साह अभी खत्म भी नहीं हुआ और देश में एक और युद्धपोत लॉन्च होने जा रहा है. 11 सितंबर यानी आज भारतीय नौसेना के स्वदेशी स्टील्थ फ्रिगेट 'तारागिरी' की लॉन्चिंग होने वाली है. बता दें, इसे प्रोजेक्ट P-17A फ्रिगेट के तहत बनाया गया है. 'तारागिरी' को मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में लॉन्च किया जाएगा. वाइस एडमिरल अजेंद्र बहादुर सिंह, FOC-IN-C, पश्चिमी नौसेना कमान, इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे. इस युद्धपोत का नाम गढ़वाल में स्थित हिमालय की पहाड़ी श्रृंखला के नाम पर रखा गया है. 

इसपर ब्रह्मोस मिसाइल की भी हो सकती है तैनाती 

युद्धपोत 'तारागिरी' 3510 टन वजनी है. तारागिरी को भारतीय नौसेना के इन-हाउस ब्यूरो ऑफ नेवल डिजाइन की ओर से डिजाइन किया गया है. 149 मीटर लंबा और 17.8 मीटर चौड़ा ये जहाज दो गैस टर्बाइन और दो मुख्य डीजल इंजनों के संयोजन से संचालित होगा. युद्धपोत 'तारागिरी' पर एंटी एयर वॉरफेयर के लिए भविष्य में सर्फेस टू एयर में मार करने वाली 32 बराक 8 ER या फिर भारत का सीक्रेट हथियार VLSRSAM मिसाइलें तैनात की जा सकती हैं. इस पर ब्रह्मोस मिसाइल की भी तैनाती हो सकती है. तारागिरी युद्धपोत में एंटी-सबमरीन वॉरफेयर के लिए 2 ट्रिपल टॉरपीडो ट्यूब्स भी हैं, जो दुश्मन को ढेर करने के लिए काफी हैं.

90 से ज्यादा वॉरशिप बना चुका है भारत 

दरअसल, बैक-टू-बैक सालों में भारतीय नौसेना ने 'खरीदार' से 'बिल्डर' तक का सफर तय किया है. भारत में 1964 से अब तक 90 से ज्यादा वॉरशिप, जिसमें छोटे क्राफ्ट से लेकर एयरक्राफ्ट कैरियर तक बनाए जा चुके हैं. तारागिरी स्टील्थ फ्रिगेट में अत्याधुनिक हथियार, सेंसर, एडवांस एक्शन इन्फॉर्मेशन सिस्टम, प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम, वर्ल्ड क्लास मॉड्यूलर, बेहतरीन पावर डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम समेत कई अन्य एडवांस फीचर्स हैं. इसे सुपरसोनिक मिसाइल सिस्टम से लैस किया जाएगा. दुश्मन के विमानों और जहाज-रोधी क्रूज मिसाइलों का मुकाबला करने के लिए इसे डिजाइन किया गया है. 

P-17A कार्यक्रम के तहत बनाया गया है

गौरतलब है कि तारागिरी को प्रोजेक्ट 17 ए फ्रिगेट के तहत बनाया गया है. P-17A एमडीएल में 4 और जीआरएसई में 3 समेत कुल सात जहाज का निर्माण किया जा रहा है. साल 2019 और 2022 तक चार P-17A प्रोजेक्ट शिप लॉन्च किए जा चुके हैं. 


 

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