रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh)ने देहरादून में सैन्य धाम का शिलान्यास किया. यहां शहीदों के घरों के आंगन से लाई मिट्टी के कलश रखे गए हैं. उत्तराखंड में पहले ही चारधाम है, ऐसे में अब इसे पांचवें धाम के रूप में माना जायेगा. इस दौरान राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान से लेकर चीन पर भी जमकर निशाना साधा. राजनाथ सिंह ने मोदी सरकार के कामकाज को भी सामने रखा.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस दौरान जनरल बिपिन रावत को भी याद किया. उन्होंने कहा कि सैनिक धाम का मुख्य गेट जनरल बिपिन रावत की याद में बनाया जाएगा. उन्होंने सैन्यधाम में शहीद परिजनों का सम्मान किया और शहीदों के आंगन की मिट्टी पर पुष्पांजलि अर्पित की. कार्यक्रम में देहरादून के 204 शहीद परिजनों को सम्मानित किया गया.
उत्तराखंड वीरों की धरती - राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आज से चार साल पहले कहा था कि उत्तराखंड में चार धाम हैं. एक पांचवा धाम सैन्य धाम होना चाहिए. यह जो काम शुरू हुआ है, जल्द से जल्द पूरा होना चाहिए. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड वीरों की धरती है. यह शौर्य पराक्रम की भूमि है.
पाक को राजनाथ सिंह की चेतावनी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री की उपब्लिधों को भी गिनाया. इसके साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की तारीफ की. राजनाथ सिंह ने पड़ोसी देशों को भी दो टूक चेतावनी दी. रक्षामंत्री ने अपने संबोधन में पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि पड़ोसी देश कुछ न कुछ नापाक हरकतें करता रहता है. हम दुश्मन को इस पार ही नहीं उस पार भी जाकर मार सकते हैं.
राजनाथ सिंह का विपक्ष पर वार
राजनाथ सिंह ने कहा कि पहले अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की बात को गंभीरता से नहीं लिया जाता था, अब लिया जाता है. उन्होंने कहा कि पीएम ने गतिशक्ति मास्टर प्लान का उद्घाटन किया है, जिसकी लागत 100 लाख करोड़ है. इससे देश मे इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत हो सकेगा. पिछले पांच साल में उत्तराखंड में विकास हुआ है, इसे कोई नकार नहीं सकता.
पांचवें धाम रूप में होगा सैन्यधाम
देवभूमि उत्तराखंड में पांचवें धाम के रूप में सैन्यधाम बनाया जा रहा है. 50 बीघा भूमि पर सैन्यधाम को 63 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा. सैन्यधाम निर्माण के लिए प्रदेश के 1734 शहीद सैनिकों के आंगन से कलश में मिट्टी लाई गई है. राजधानी देहरादून के गुनियाल गांव में सैन्यधाम का निर्माण होने जा रहा है. सैन्यधाम निर्माण के लिए 15 नवंबर को गढ़वाल मंडल के सवाड गांव और कुमाऊ मंडल के मुनाकोट गांव से शहीद सम्मान यात्रा शुरू की गई थी.
ये रहेगी सैन्यधाम की खासियत
पांचवें धाम सैन्यधाम में द्वितीय विश्वयुद्ध से लेकर अब तक उत्तराखंड के जितने भी सैनिक शहीद हुए हैं, उन सबके चित्र लगाए जाएंगे. इसके साथ ही उन सभी के बारे में जानकारी भी दी जाएगी. इसके अलावा सैन्यधाम में लाइट एंड साउंड सिस्टम, टैंक, जहाज के साथ ही अन्य सैन्य उपकरण भी रखे जाने हैं.
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