Business License: बिजनेस करने की चाह रखने वालों के लिए 'गुड न्यूज'! नहीं काटने पड़ेंगे थाने के चक्कर, न देना पड़ेगा कुछ 'अंडर दा टेबल'

अब व्यावसायों को नॉन ऑबजेक्शन सर्टिफिकेट या लाइसेंस देने का जिम्मा पुलिस से ले लिया गया है. यह जिम्मेदारी अब नगर निगम को सौंप दी गई है. भ्रष्टाचार की कुुछ शिकायत मिलने के बाद ऐसा किया गया है.

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कुमार कुणाल
  • नई दिल्ली,
  • 23 जून 2025,
  • अपडेटेड 10:02 AM IST

दिल्ली लेफ्टिनेंट गवर्नर (LG) ने एक नई अधिसूचना जारी की है, जिसके तहत दिल्ली में विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों के लिए लाइसेंसिंग के नियमों को आसान बनाया गया है. अब होटल, स्वीमिंग पूल, गेस्ट हाउस, वीडियो गेम पार्लर, ऑडिटोरियम और मनोरंजन पार्क जैसे सात प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्रों के लिए लाइसेंस जारी करने की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस से हटाकर स्थानीय शहरी निकायों एवं संबंधित विभागों को सौंपी गई है.

क्यों लिया गया ये फैसाल
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस फैसले को न केवल प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया बल्कि इसे केंद्र सरकार की नीति और दृष्टिकोण का भी प्रतिबिंब करार दिया. उनका कहना है कि यह परिवर्तन पुलिस पर लाइसेंसिंग के बोझ को कम करने के साथ-साथ उनके असली काम यानी कानून-व्यवस्था बनाए रखने, अपराध रोकने और महिलाओं की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करेगा. साथ ही पुलिस अपने मुख्य काम की ओर ज्यादा ध्यान दे पाएगी.

पुलिस द्वारा लाइसेंस देने पर भ्रष्टाचार की शिकायत
पिछले समय में व्यापारियों और अन्य हितधारकों ने दिल्ली पुलिस द्वारा लाइसेंस देने की प्रक्रिया में व्यापक भ्रष्टाचार की शिकायतें की थीं. इसी मांग को ध्यान में रखते हुए दिल्ली हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट ने भी पहले यह सुझाव दिया था कि लाइसेंसिंग की शक्ति पुलिस से हटाई जानी चाहिए. इससे व्यापारियों की शिकायत दूर हो सकेगी. साथ ही अगर लाइसेंस के मामले में पुलिस द्वारा कोई भ्रष्टाचार हो भी रहा होगा तो वह नहीं होगा.

किसको सौंपी गई लाइसेंस देने की जिम्मेदारी
यह अधिसूचना दिल्ली पुलिस को होटल, मोटल, गेस्ट हाउस, रेस्तरां, स्वीमिंग पूल, ऑडिटोरियम, वीडियो गेम पार्लर, डिस्कोथेक्स और मनोरंजन पार्क जैसे व्यवसायों के लिए लाइसेंस या नॉन ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) जारी करने की जिम्मेदारी से मुक्त करती है. अब यह जिम्मेदारी म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ऑफ दिल्ली (MCD), नई दिल्ली म्युनिसिपल कौंसिल (NDMC), और दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड जैसे स्थानीय निकायों को सौंप दी गई है.

 

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