दिल्ली-एनसीआर में जहरीली होती हवा के बीच सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं. बढ़ते प्रदूषण और खतरनाक AQI को देखते हुए दिल्ली लेबर डिपार्टमेंट ने दिल्ली के सभी ऑफिस को 50% क्षमता के साथ ही काम करने की अनुमति दी है, जबकि बाकी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने को कहा गया है. यह नियम 18 दिसंबर से लागू होगा.
दफ्तरों में भीड़ कम करने पर जोर
लेबर डिपार्टमेंट के मुताबिक, प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए यह फैसला कर्मचारियों की सेहत को ध्यान में रखकर लिया गया है. राजधानी में GRAP (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) के सख्त नियम लागू हैं और इसी के तहत दफ्तरों में भीड़ कम करने पर जोर दिया जा रहा है.
इन सेक्टर के लोगों को छूट
हालांकि, इस आदेश से जरूरी सेवाओं को छूट दी गई है. हेल्थ सेक्टर, पुलिस, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, बिजली, पानी और अन्य जरूरी सेवाओं से जुड़े दफ्तर और कर्मचारी इस नियम से बाहर रहेंगे. यानी इन सेवाओं में काम पहले की तरह चलता रहेगा, ताकि आम लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो.
मजदूरों को 10 हजार का मुआवजा देगी दिल्ली सरकार
इसके साथ ही दिल्ली लेबर डिपार्टमेंट ने निर्माण कार्य से जुड़े मजदूरों के लिए भी राहत का ऐलान किया है. GRAP लागू होने के बाद कई निर्माण गतिविधियों पर रोक लगाई गई है, जिससे दिहाड़ी मजदूरों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. सरकार ने ऐसे मजदूरों को 10 हजार मुआवजा देने की घोषणा की है, ताकि उनकी रोजी-रोटी पर असर कम किया जा सके. ग्रेप-4 खत्म होने के बाद भी इसी आधार पर राहत दी जाएगी. नियमों का पालन न करने वाले संस्थानों पर जुर्माना लगाया जाएगा.
बाहर निकलने से बचें, मास्क का इस्तेमाल करें
दुनिया भर के शहरों की एयर क्वालिटी मापने वाली स्विस कंपनी (IQAir) के मुताबिक दिल्ली मंगलवार को दुनिया का तीसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा. ऐसे में लंबे समय तक खुले में रहने या भीड़भाड़ वाली जगहों पर काम करने से सांस, आंखों और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. फिलहाल प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे गैर-जरूरी बाहर निकलने से बचें, मास्क का इस्तेमाल करें और बच्चों व बुजुर्गों का खास ख्याल रखें.