scorecardresearch

Ranchi: रीयल लाइफ मुन्ना भाई... परीक्षा केंद्र पर फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा, जीजा के लिए हीरो बनना पड़ा भारी

रांची से एक मामला सामने आ रहा है, जहां जीजा के बदले परीक्षा देने खुद साला पहुंच गया. इसके बाद जो हुआ उसने सब को चौंका दिया है.

Brother in law Caught Appearing as Proxy Candidate Brother in law Caught Appearing as Proxy Candidate
हाइलाइट्स
  • जीजा के बदले परीक्षा देने खुद पहुंचा साला

  • बायोमैट्रिक जांच ने खोली पोल

  • पुलिस ने दर्ज किया केस

रांची में रेलवे ग्रुप डी परीक्षा के दौरान बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. यहां एक साले को अपने जीजा के लिए मुन्ना भाई बनकर परीक्षा देना इतना महंगा पड़ा कि अब उसे जेल की चक्की पीसनी पड़ेगी. मामला नामकुम थाना क्षेत्र के चुटिया स्थित अरुणिमा टेक्निकल सर्विसेज परीक्षा केंद्र का है, जहां परीक्षा के दौरान सतर्कता ने एक बड़े फर्जीवाड़े को पकड़ लिया.

जीजा की जगह साला पहुंचा परीक्षा देने
पुलिस के अनुसार, गया जिले का रहने वाला लालू कुमार अनीश अपने मौसेरे जीजा जवाहर कुमार की जगह रेलवे ग्रुप डी की परीक्षा देने पहुंचा था. लालू गया के फतेहपुर टनकुप्पा का निवासी है. उसने अपने जीजा की परीक्षा पास कराने के लिए यह जोखिम भरा कदम उठाया.

दस्तावेजों में की गई थी हेराफेरी
आरोपी लालू ने अपने जीजा के पैन कार्ड और आधार कार्ड पर अपनी फोटो चिपका दी थी. शुरुआती जांच में उसकी तस्वीर मिलती-जुलती दिख रही थी, लेकिन जब परीक्षा केंद्र पर बायोमैट्रिक जांच हुई तो सारा खेल खुल गया. अंगूठे और उंगलियों के निशान असल उम्मीदवार जवाहर कुमार से मेल नहीं खा रहे थे.

बायोमैट्रिक जांच ने खोली पोल
केंद्राधीक्षक को शक हुआ और उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी. इसके बाद आरोपी से कड़ाई से पूछताछ की गई. पूछताछ के दौरान लालू ने खुद कबूल कर लिया कि वह असली कैंडिडेट नहीं है और अपने जीजा के लिए फर्जी तरीके से परीक्षा देने आया है.

पुलिस ने दर्ज किया केस
डीएसपी हेडक्वार्टर अमर पांडे ने बताया कि परीक्षा केंद्र के अधीक्षक की शिकायत और लिखित आवेदन के आधार पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. लालू कुमार अनीश को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया गया और आगे की कार्रवाई संबंधित धाराओं के तहत की जा रही है.

परीक्षा केंद्र में मची सनसनी
फर्जी उम्मीदवार की गिरफ्तारी के बाद परीक्षा केंद्र में अफरा तफरी का माहौल बन गया. अन्य परीक्षार्थियों में भी डर और चर्चा का माहौल देखा गया. पुलिस ने सभी उम्मीदवारों की जांच और कड़ी कर दी. यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि परीक्षा में फर्जीवाड़ा करना अब आसान नहीं है. बायोमैट्रिक और सख्त निगरानी के चलते ऐसे लोग जल्दी पकड़ में आ रहे हैं.

(रिपोर्ट- सत्यजीत)

 

ये भी पढ़ें