दिल्ली अगले साल अपनी पहली पर्यावरण स्थिति की रिपोर्ट (State of Environment Report) प्रकाशित करेगी जिसमें सीवेज, पानी की गुणवत्ता,अपशिष्ट संग्रह और पृथक्करण सहित सभी प्रमुख क्षेत्रों पर डेटा होगा. दिल्ली सरकार पहली बार सड़क की धूल और गड्ढों के प्रबंधन और खुले में कूड़ा जलाने से रोकने के लिए नगर निगमों को फंड भी दे सकती है.
इस बारे में बात करते हुए एक अधिकारी ने कहा, "दिल्ली में विभागों की अधिकता समस्या समाधान में बाधा डालती है इसलिए संबंधित विभागों की जवाबदेही तय करना है." पर्यावरण विभाग नगर निगमों, दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग, वन और वन्यजीव सहित सभी संबंधित विभागों से डाटा इकट्ठा करने के लिए एक एजेंसी को किराए पर लेने के लिए एक टेंडर जारी करने की प्रक्रिया में है. जिनका काम डाटा इकट्ठा करना और रिपोर्ट तैयार करना होगा.
पहली बार बनेगी ये रिपोर्ट
इस बारे में अधिकारी ने कहा, "नगर निगम अपशिष्ट उत्पादन, पृथक्करण, बैटरी चालित वाहनों से संबंधित डाटा देंगे. दिल्ली जल बोर्ड पानी की गुणवत्ता, सीवेज उपचार, सीवर नेटवर्क से संबंधित डाटा प्रस्तुत करेगा और दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड झुग्गी-झोपड़ी कॉलोनियों के बारे में जानकारी देगा. डाटा इकट्ठा करने का काम फरवरी में शुरू होगा और मार्च के अंत तक पूरा हो जाएगा. उन्होंने कहा कि यह पहली बार होगा जब हम इस तरह की रिपोर्ट तैयार करेंगे.
NCAP के तहत दिल्ली को 11 करोड़ रुपये जारी
अधिकारियों के अनुसार, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने वायु प्रदूषण प्रबंधन में महत्वपूर्ण कमियों को दूर करने के लिए NCAP के तहत दिल्ली को 11 करोड़ रुपये जारी किए हैं. यह पहली बार है जब दिल्ली को NCAP के तहत फंड मिला है. NCAP के तहत दिल्ली को 18.74 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इस महीने की शुरुआत में 11 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी की गई थी. बकाया राशि दिल्ली द्वारा पहली किस्त के 60 प्रतिशत तक उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करने के बाद जारी की जाएगी.