गोवा ने इतिहास रच दिया है. गोवा देश का दूसरा पूर्ण साक्षरता वाला राज्य बन गया है. गोवा से पहले मिजोरम भारत का पहला साक्षर राज्य बना. ये दोनों राज्य भारत ने नए साक्षर मानक उल्लास-नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत पूर्ण साक्षर राज्य बने हैं.
30 मई 2025 को पणजी के दीनानाथ मंगेशकर कला मंदिर में गोवा का 39वां स्थापना दिवस मनाया गया. इस मौके पर गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने अपने राज्य को पूर्ण साक्षरता वाला राज्य घोषित कर दिया. इस कार्यक्रम में राज्य के कैबिनेट मंत्री समेत कई अधिकारी मौजूद थे.
2030 तक देश को पूर्ण साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया है. मिजोरम और गोवा ने उस लक्ष्य की ओर कदम बढ़ा दिया है. गोवा ने 99.7% की साक्षरता दर हासिल की है. पूर्ण साक्षर के लिए ये जरूरी मानक से ज्यादा दर है.
पूर्ण साक्षऱ राज्य- गोवा
पीएलएफएस (PLFS) की 2023-24 की रिपोर्ट में गोवा की साक्षरता दर 93.60% थी जो देश में सबसे ज्यादा थी. हाल ही में राज्य के सर्वेक्षण से पता चला है कि गोवा ने अब इस आंकड़े को पार कर लिया है. गोवा अब पूर्ण साक्षरता वाला दूसरा राज्य बन गया है. इस लक्ष्य को पाने के लिए राज्य सरकार ने कई विभागों को शामिल किया.
राज्य की साक्षरता दर जानने के लिए गैर-साक्षर लोगों की पहचान जरूरी थी. इसके लिए पंचायत निदेशालय, डायरेक्टोरेट ऑफ म्युनिसिपल कॉरपोरेशन, समाज कल्याण निदेशालय, योजना और सांख्यिकी निदेशालय और महिला एवं बाल विकास निदेशालय सभी ने अपने क्षेत्रों में गैर-साक्षर लोगों की पहचान करने में मदद की. स्वयंपूर्ण मित्र कहे जाने वाले वालंटियर्स भी इसमें शामिल थे.
क्या है उल्लास?
2023 में देश को पूर्ण साक्षर बनाने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने उल्लास नव साक्षरता मिशन शुरू किया है. इस योजना के दो साल के भीतर दो राज्य पूर्ण साक्षर बन गए हैं. मिजोरम के बाद अब गोवा को पूर्ण साक्षर राज्य घोषित कर दिया गया है.
उल्लास-नव साक्षरता मिशन केन्द्र सरकार द्वारा शुरू किया गया एक कार्यक्रम है. ये कार्यक्रम 2027 तक चलेगा. इस कार्यक्रम के तहत 15 साल या उससे ज्यादा उम्र के बच्चों की पहचान की जाती है जो स्कूल नहीं जा पाते हैं. इस मिशन का लक्ष्य ऐसे बच्चों को साक्षर करना होता है. उल्लास कार्यक्रम के तहत बच्चों को पढ़ाई के अलावा कई और स्किल भी सिखाई जाती हैं. इन बच्चों को वॉलिंटियर्स टीचर्स पढ़ाते हैं.
भारत में इस समय 41 लाख वॉलिंटियर्स टीचर्स हैं और 2.40 करोड़ से ज्यादा बच्चे हैं जिन्होंने उल्लास मोबाइल एप पर साइन अप किया है. बाद में इन बच्चों की एनआईओएस (NIOS) के तहत परीक्षा ली जाती है. इस कार्यक्रम के तहत मिजोरम और गोवा देश के पूर्ण साक्षरता वाले राज्य बन गए हैं.
केरल कहां है?
ऐसा माना जाता है कि केरल देश के सबसे ज्यादा साक्षरता वाला राज्य है. कुछ साल पहले तक ये सच भी था लेकिन अब ऐसा नहीं है. भारत ने साक्षरता के नए मानकों को अपना लिया है. पहले सिर्फ दस्तखत करने वाले को ही साक्षर मान लिया जाता था. अब साक्षर होने के लिए मानक तय कर दिए हैं. इस वजह से केरल की साक्षरता दर में गिरावट आई है. मंत्रालय के अनुसार, केरल में इस समय साक्षरता की दर 93 फीसदी है.
देश के साक्षर मानकों के अनुसार, पूर्ण साक्षर का मतलब 100 फीसदी साक्षरता नहीं है. कोई भी राज्य 95% साक्षर हो जाता है तो उसे पूर्ण साक्षर मान लिया जाता है. इस नियम के अनुसार ही मिजोरम और गोवा देश के दो पूर्ण साक्षर राज्य बन गए हैं.
सबसे ज्यादा साक्षर राज्य
2024 की रिपोर्ट के अनुसार, मिजोरम सबसे साक्षर राज्य है. मिजोरम की साक्षरता दर 98.2% है. मिजोरम के बाद गोवा देश का दूसरा पूर्ण साक्षर राज्य है. इसके बाद लक्षद्वीप, नागालैंड और केरल आता है. इस लिस्ट में मेघालय, त्रिपुरा और चंडीगढ़ भी शामिल है. सबसे कम साक्षर वाला राज्य आंध्र प्रदेश है. इसके बाद बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान हैं. केन्द्र सरकार ने 2030 तक देश को पूर्ण साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा है.