यूपी के धार्मिक स्थलों की यात्रा और भी होगी सुगम, नई पर्यटन नीति के तहत बढ़ेगी पर्यटकों की संख्या

यूपी सरकार ने प्रदेश में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 8 religious tourism circuit की घोषणा की है. सरकार की ‘नई पर्यटन नीति’ में इन्हें शामिल किया गया है. इससे इन स्थलों पर नए सिरे से विकास कार्य शुरू होने का रास्ता  खुल गया है.

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शिल्पी सेन
  • लखनऊ ,
  • 22 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 4:35 PM IST

उत्तर प्रदेश राम और कृष्ण की भूमि है! महादेव की नगरी काशी भी यहीं पर है. हर साल यहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं, पर अब यूपी में कई पर्यटकों की संख्या कई गुना बढ़ सकती है. इसकी वजह भी राम और कृष्ण बनेंगे. यूपी सरकार ने 8 धार्मिक और आध्यात्मिक टूरिज्म सर्किट (tourism circuit) तैयार करने की दिशा में पहल की है. रामायण, महाभारत, शक्तिपीठ, कृष्ण, बुद्ध, जैन और सूफी सर्किट से प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को नया रूप देने की तैयारी की जा रही है.

रामजन्म भूमि अयोध्या के दीपोत्सव की चमक हो या कृष्ण भूमि बरसाने की होली का रंग या नवरात्र पर माँ विंध्य वासिनी के दरबार का मेला, बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटकों को आकर्षित करते रहे हैं. धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के इन स्थलों पर साल भर बड़ी संख्या में लोग आते हैं, पर अब यहां आने वालों को विश्वस्तरीय सुविधाएँ जल्द मिलेंगी. यूपी सरकार ने प्रदेश में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 8 religious tourism circuit की घोषणा की है. सरकार की ‘नई पर्यटन नीति’ में इन्हें शामिल किया गया है. इससे इन स्थलों पर नए सिरे से विकास कार्य शुरू होने का रास्ता  खुल गया है.

यूपी में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के लिए बनाए जाएंगे-
रामायण सर्किट: सीता और राम से जुड़े स्थलों को शामिल किया जाएगा. इसमें अयोध्या, बिठूर,चित्रकूट और अन्य स्थल होंगे 
महाभारत सर्किट: हस्तिनापुर, कांपिल्य, गोंडा, लाक्षागृह जैसे स्थल होंगे
कृष्ण सर्किट : मथुरा, वृंदावन, गोकुल, बरसाना, नंदगाँव और कृष्ण से जुड़े अन्य स्थल
शक्तिपीठ सर्किट: विंध्यवासिनी देवी, अष्टभुजा, देवीपाटन, नैमिशारण्य, ललिता देवी, सहारनपुर में शाकंभरी देवी और अन्य स्थलों को शामिल किया जाएगा
बुद्ध सर्किट: कपिलवस्तु, कुशीनगर, श्रावस्ती, सारनाथ, कौशाम्बी और अन्य स्थल

Tourist Destination विकसित किया जाएगा

इसके अलावा जैन सर्किट में देवगढ़, हस्तिनापुर, दिगम्बर जैन मंदिर रामनगर, सूफी सर्किट में कबीर की जन्मस्थली वाराणसी, निर्वाण स्थली बस्ती जिले का मगहर, संत कबीरनगर के स्थल होंगे तो आध्यात्मिक महत्व के गोरखपुर, आगरा के बटेसर जैसे स्थलों को आध्यात्मिक सर्किट में शामिल किया जाएगा. ‘नई पर्यटन नीति’ के तहत इन स्थानों पर हेरिटेज होटल (heritage hotel),रिसॉर्ट (resort), थीम बाज़ार -शिल्पग्राम, टुरिस्ट इन्फर्मेशन सेंटर, Wellness सेंटर, ऑल सीजन कॉटिज (All season cottage), और दूसरी सुविधाओं का विकास किया जाएगा. इन सभी धार्मिक स्थलों को Tourist Destination के रूप में विकसित किया जाएगा.

यूपी में विकास की असीम संभावनाएं

यूपी में इन धार्मिक स्थलों को विकसित करने के पीछे जहां यहाँ के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सोच है, वहीं यहां व्यवसाय और रोजगार की अपार सम्भावनाएं भी हैं. यूपी में होने वाले मेले और पर्व भी धार्मिक पर्यटन स्थलों की इस ब्रांडिंग का हिस्सा बनेंगे. यानि अगर अयोध्या की ‘चौदह कोसी परिक्रमा’ में आना हो या बरसाने की होली में शामिल होना हो अब उसकी सारी जानकारी पर्यटकों के लिए सुलभ होगी. विश्लेषक कहते हैं कि यूपी में राम कृष्ण महादेव के स्थल होने की वजह से यहां विकास की असीम संभावनाएं हैं.

इन स्थलों पर और अच्छी सड़क, कनेक्टिविटी और अन्य उच्च स्तरीय सुविधाएं विकसित करने के लिए जल्दी काम शुरू होने वाला है. आने वाले समय में अयोध्या में राम का मंदिर बन कर तैयार होगा तो वहां देश और विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी. काशी कॉरिडोर बनने से वाराणसी आने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है तो वहीं प्रदेश में इन स्थलों की ब्रांडिंग से यहां हर तरह से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिल सकता है. 2023 में फरवरी में होने वाला ग्लोबल इंवेस्टर समिट भी इस लिहाज से अहम साबित होगा.

 

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