भारतीय वायु सेना को मिलेंगे 100 नए एडवांस फाइटर जेट, देश में ही विमान बनाने के लिए ग्लोबल एयरक्राफ्ट मैनुफेक्चरर से बातचीत भी हो गई है शुरू 

भारतीय वायु सेना देश में ही 100 नए एडवांस फाइटर जेट बनाने वाली है. इसके लिए ग्लोबल एयरक्राफ्ट मैनुफेक्चरर से बातचीत भी शुरू हो गई है. ऐसा पहली बार है जब किसी प्रोजेक्ट के लिए लगभग 70 प्रतिशत लागत का भुगतान करने के लिए भारतीय मुद्रा में ही किया जाएगा.

Fighter jet (Photo: PIB)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 12 जून 2022,
  • अपडेटेड 6:12 PM IST
  • भारत में लगभग 100 एडवांस फाइटर जेट बनाने की योजना
  • 2015 में एमएमआरसीए प्रोजेक्ट कर दिया गया था रद्द 

मेक इन इंडिया पहल को एक बड़ा बढ़ावा देने के लिए, भारतीय वायु सेना (IAF) ने भारत में लगभग 100 एडवांस फाइटर जेट बनाने की योजना बनाई है. यहां तक कि इसके लिए ग्लोबल एयरक्राफ्ट मैनुफेक्चरर से बातचीत करना भी शुरू कर दिया है. 

इंडिया टुडे के हवाले से शीर्ष अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी है.आत्मनिर्भर बनने की राह पर चलते हुए ये कदम उठाया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा पहली बार है जब किसी प्रोजेक्ट के लिए लगभग 70 प्रतिशत लागत का भुगतान करने के लिए भारतीय मुद्रा का उपयोग करके किया जाएगा.

अधिकारियों ने कहा, “हमारा प्लान भारत में 96 प्लेन के निर्माण करने का है, जिसके लिए 36 का भुगतान आधा भारतीय और आधा विदेशी मुद्रा में किया जाएगा. पिछले 60 विमानों के लिए भुगतान भारतीय मुद्रा में ही किया जाएगा."

114 प्लेन खरीदे जाएंगे 

आपको बताते चलें, भारतीय वायुसेना (IAF) की योजना 114 विमान खरीदने की है, जिसका इस्तेमाल देश की सेना की लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ाने और मिग सीरीज के पुराने प्लेनों को बदलने के लिए किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट में पहले 18 विमान विदेशी वेंडरों से मंगवाए जाएंगे. विदेशी वेंडरों में बोइंग, लॉकहीड मार्टिन, एमआईजी, डसॉल्ट और साब जैसी कंपनियां शामिल हैं. इस प्रोजेक्ट के तीन साल में पूरा होने की उम्मीद लगाई जा रही है. 

2015 में एमएमआरसीए प्रोजेक्ट कर दिया गया था रद्द 

गौरतलब है कि IAF ने पहली बार 2007 में विदेशी ओईएम से 126 नए फाइटर जेट खरीदने के लिए मीडियम मल्टी-रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (MMRCA) टेंडर जारी किया था. टेंडर प्रक्रिया के दौरान सामने आए कई मुद्दों के बाद, 2015 में एमएमआरसीए प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया गया था. IAF के लिए अपनी ऑपरेशनल कैपेबिलिटी को बनाए रखने के लिए, सरकार ने इसके बजाय 36 राफेल जेट लेने का का फैसला किया था.

(मनजीत नेगी की रिपोर्ट)
 

 

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