भारतीय राष्ट्रीय ध्वज केवल तीन रंगों का कपड़ा नहीं, बल्कि आजादी, एकता और गर्व का प्रतीक है. यह हर भारतीय की भावनाओं से जुड़ा हुआ है. तिरंगे का सम्मान और सही तरीके से प्रदर्शन करना न केवल हमारा कर्तव्य है, बल्कि इसके लिए भारत सरकार ने स्पष्ट नियम और ‘ध्वज संहिता’ भी बनाई है.
पिछले कुछ वर्षों में इन नियमों में बदलाव भी किए गए हैं, जैसे अब तिरंगा रात में भी फहराया जा सकता है- लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें हैं.
तो आइए, सवाल-जवाब के रूप में जानते हैं तिरंगा फहराने के नियम, रात में लगाने की अनुमति और ध्वज के सम्मान से जुड़े जरूरी प्रावधान.
तिरंगा फहराने के नियम और जरूरी बातें
प्रश्न 1: क्या तिरंगा रात में भी फहराया जा सकता है?
हां, पहले नियम था कि राष्ट्रीय ध्वज केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही फहराया जा सकता है, लेकिन जुलाई 2022 में संशोधन के बाद अब इसे रात में भी फहराया जा सकता है. शर्त यह है कि ध्वज खुले स्थान पर हो और अंधेरा होने पर उस पर पर्याप्त रोशनी डाली जाए.
प्रश्न 2: तिरंगा फहराने के लिए कौन-कौन पात्र हैं?
भारत का हर नागरिक, निजी संगठन, शैक्षणिक संस्थान और सरकारी संस्था तिरंगा फहरा सकती है. यह किसी विशेष दिवस तक सीमित नहीं है- अब इसे किसी भी दिन सम्मानपूर्वक फहराया जा सकता है.
प्रश्न 3: राष्ट्रीय ध्वज का आकार और अनुपात क्या होना चाहिए?
तिरंगा हमेशा आयताकार होना चाहिए और इसकी लंबाई और ऊंचाई का अनुपात 3:2 होना चाहिए. आकार अलग-अलग हो सकता है, लेकिन अनुपात यही रहना चाहिए.
प्रश्न 4: तिरंगा किस कपड़े का होना चाहिए?
पहले यह केवल हाथ से काते या बुने हुए सूती, ऊन, रेशम, खादी या पॉलिएस्टर से बनता था. दिसंबर 2021 से मशीन से बने कपड़े का भी उपयोग किया जा सकता है.
प्रश्न 5: तिरंगा लगाने की सही जगह और पोजिशन क्या होनी चाहिए?
ध्वज हमेशा सम्मान की जगह पर लगाया जाए- यानी किसी इमारत के सबसे ऊंचे हिस्से, केंद्र में या प्रमुख स्थान पर. इसके साथ कोई और झंडा बराबर ऊंचाई पर नहीं होना चाहिए.
प्रश्न 6: किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है?
प्रश्न 7: अगर तिरंगा खराब हो जाए तो क्या करें?
अगर ध्वज फट जाए, पुराना हो जाए या रंग फीका पड़ जाए, तो उसे आम कपड़े की तरह फेंकना अपराध है. इसे सम्मानजनक तरीके से नष्ट करना चाहिए-
प्रश्न 8: कागज के झंडों का क्या करें?
स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस पर बांटे जाने वाले कागज के तिरंगों को कभी जमीन या पानी में न गिरने दें. इन्हें भी सम्मानपूर्वक सुरक्षित स्थान पर रखें या गरिमा के साथ नष्ट करें.
प्रश्न 9: तिरंगे को सही तरीके से मोड़ने का तरीका क्या है?
प्रश्न 10: तिरंगे का अपमान करने पर क्या सजा है?
राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम, 1971 के तहत, तिरंगे का अपमान करना अपराध है. दोषी को तीन साल तक की कैद, जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं. अपमान में जलाना, फाड़ना, जमीन पर फेंकना, गंदा करना या किसी भी रूप में अवमानना करना शामिल है.
तिरंगा केवल कपड़े का टुकड़ा नहीं, बल्कि भारत की अस्मिता, स्वतंत्रता और एकता का प्रतीक है. इसके सम्मान के लिए नियमों का पालन हर भारतीय का कर्तव्य है, चाहे वह 15 अगस्त हो, 26 जनवरी हो या कोई भी सामान्य दिन.