यात्रियों के साथ पर्यावरण का भी ख्याल रखेगा रेलवे, 2030 तक हो जाएगा इको-फ्रेंडली, ये है पूरी प्लानिंग 

यात्रियों के साथ पर्यावरण का भी ख्याल रखने के लिए रेलवे ने एक प्लान बनाया है. 2030 तक भारतीय रेल को इको-फ्रेंडली बना जाएगा. इसके लिए रेलवे का पूरी तरह से विद्युतीकरण किया जा रहा है.

Indian Railways
वरुण सिन्हा
  • नई दिल्ली,
  • 07 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 10:42 PM IST
  • रेलवे का पूरी तरह से विद्युतीकरण किया जा रहा है 
  • रेलवे की जमीन पर वृक्षारोपण भी

देश में प्रदूषण रेलवे के द्वारा नहीं हो इसको लेकर रेलवे प्रतिबद्ध है. रेलवे की कोशिश है कि 2030 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने के लक्ष्य को हासिल करना. रेलवे ने पिछले कुछ समय से लगातार एक के बाद एक कई ऐसे उपाय किए है जिसमें आधुनिक रेल को इको-फ्रेंडली रेल के तौर पर जाना जाए. 

रेलवे का पूरी तरह से विद्युतीकरण किया जा रहा है 

पिछले कुछ समय से रेलवे के सबसे व्यस्त रेल नेटवर्क को पूरी तरह से विद्युतीकरण का प्रयास किया है. जिसमे लगभग 142 मेगा वाट सोलर प्लांट और लगभग 103 मेगावाट पवन सोलर प्लांट चालू किए गए हैं. लोकोमोटिव, इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट (ईएमयू) ट्रेनों, मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (एमईएमयू) ट्रेनों, कोलकाता मेट्रो रेक और इलेक्ट्रिक ट्रेन सेटों में पुनर्योजी ब्रेकिंग के साथ इंसुलेटेड गेट बाइपोलर ट्रांजिस्टर (आईजीबीटी) आधारित 3-चरण  प्रणाली का उपयोग किया गया है.

कार्बन सिंक बढ़ाने के लिए रेलवे की जमीन पर वृक्षा रोपण

इसके अलावा ध्वनि, वायु प्रदूषण और डीजल की खपत को कम करने के लिए एंड ऑन जेनरेशन (ईओजी) ट्रेनों को हेड ऑन जेनरेशन (एचओजी) ट्रेनों में बदला जा रहा है. बिजली की खपत में कमी के लिए रेलवे स्टेशनों, सेवा भवनों, आवासीय क्वार्टरों और कोचों सहित सभी रेलवे प्रतिष्ठानों में (एलईडी) लाइट की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा पिछले कुछ समय में ही ग्रीन सर्टिफिकेशन- विभिन्न औद्योगिक इकाइयों, रेलवे स्टेशनों और अन्य रेलवे प्रतिष्ठानों का ग्रीन सर्टिफिकेशन किया जा चुका है.

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