Malala Day 2022: जानिए क्या है इस दिन का इतिहास, कौन हैं मलाला यूसुफजई... जिन्होंने लड़कियों की पढ़ाई के लिए बुलंद की थी आवाज

12 जुलाई 2013 को मलाला ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक भाषण दिया था, तब वह महज 16 साल की एक पाकिस्तानी एक्टिविस्ट थीं. वह बचपन से ही महिलाओं की पढ़ाई को लेकर आवाज उठाती रही हैं.

International malala Day 2022
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 12 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 10:43 AM IST
  • बचपन से ही महिलाओं की पढ़ाई को लेकर आवाज उठाती रही हैं मलाला

अंतरराष्ट्रीय मलाला दिवस हर साल 12 जुलाई को युवा कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है. इस दिन को संयुक्त राष्ट्र (UN) द्वारा महिला शिक्षा की वकालत करने वाली युवा महिला को सम्मानित करने के लिए नामित किया गया था. मलाला यूसुफजई 24 साल की एक महिला हैं, जोकि हमेशा से ही महिलाओं के शिक्षा के अधिकार के लिए काम करती रही हैं. हालांकि, उन्हें खुद कभी स्कूल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई थी. 

आज के दिन को विश्व के नेताओं से दुनिया भर के हर एक बच्चे के लिए अनिवार्य और मुफ्त शिक्षा की अपील करने के अवसर के रूप में मनाया जाता है. 

मलाला दिवस का इतिहास और महत्व

दरअसल, 12 जुलाई 2013 को मलाला ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक भाषण दिया था, तब वह महज 16 साल की एक पाकिस्तानी एक्टिविस्ट थीं. अपने भाषण में, मलाला ने विश्व स्तर पर महिलाओं की शिक्षा तक पहुंच की जरूरत की बात की थी. साथ ही विश्व नेताओं को अपनी नीतियों में सुधार करने के लिए कहा था. उस दौरान उनके सराहनीय भाषण के लिए उन्हें स्टैंडिंग ओवेशन भी मिला था. 

चूंकि 12 जुलाई को उनका जन्मदिन था, इसलिए संयुक्त राष्ट्र ने तुरंत घोषणा की कि इस दिन को युवा कार्यकर्ता को सम्मानित करने के लिए 'मलाला दिवस' के रूप में मनाया जाएगा. 

मलाला के बारे में कुछ रोचक बातें 

- मलाला यूसुफजई नोबेल शांति पुरस्कार पाने वाली सबसे कम उम्र की प्राप्तकर्ता थीं. उस समय वह सिर्फ 17 साल की थीं. 

- 2009 में, पाकिस्तानी कार्यकर्ता ने बीबीसी के साथ काम करना शुरू किया और तालिबान शासन के तहत रहने के बारे में ब्लॉगिंग की, जिसने उन्हें अपने देश में एक राष्ट्रीय व्यक्ति बना दिया. वह लड़कियों की शिक्षा की वकालत करते हुए टेलीविजन पर दिखाई देने लगीं. 

- 2012 में, मलाला पाकिस्तान में लड़कियों की शिक्षा के लिए प्रचार कर रही एक बस में सवार थी, जब तालिबान ने कथित तौर पर वाहन को हाईजैक कर लिया और उसके सिर और गर्दन में गोली मार दी थी. 

- 2015 में मलाला यूसुफजई के सम्मान में एक एस्टेरोइड(Asteroid)का नाम रखा गया था. 

- युवा कार्यकर्ता ने 2018 में फिलॉसफी, इकोनॉमिक्स और पॉलिटिक्स की पढ़ाई करने के लिए ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में एडमिशन लिया. पहले, मलाला डॉक्टर बनना चाहती थीं लेकिन, अब उन्होंने राजनीति में रुचि ले ली है. 

- कार्यकर्ता को 2017 में महासचिव एंटोनियो गुटेरेस द्वारा संयुक्त राष्ट्र शांति दूत के रूप में नामित किया गया था. 

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