झारखंड राज्य के गठन को चिह्नित करने के लिए हर साल 15 नवंबर को झारखंड स्थापना दिवस मनाया जाता है. और इसी दिन आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की जयंती होती है. मुंडा को 19वीं सदी के अंत में ब्रिटिश भारत के शासन के खिलाफ उनके आंदोलन के लिए याद किया जाता है.
आपको बता दें कि झारखंड अभ्रक, बॉक्साइट, कोयला, लौह अयस्क, तांबा अयस्क, यूरेनियम, चांदी, ग्रेफाइट, मैग्नेटाइट, ग्रेनाइट, चूना पत्थर और डोलोमाइट जैसे खनिज संसाधनों से समृद्ध है. यह एकमात्र राज्य है जो यूरेनियम, कुकिंग कोल और पाइराइट का उत्पादन करता है. झारखंड विभाजन से पहले बिहार के दक्षिणी आधे हिस्से का हिस्सा था. स्वतंत्रता आंदोलन से पहले से ही इस राज्य के आदिवासी अलग राज्य की कामना करते थे.
इतिहास और महत्व:
संसद द्वारा बिहार पुनर्गठन अधिनियम, 2000 पारित करने के बाद झारखंड को 2000 में बिहार से अलग करके भारत के 28वें राज्य के रूप में बनाया गया था. इसके कारण था कि यहां के जनजातीय समुदाय अपनी एक अलग पहचान चाहते थे और हमेशा से एक अलग राज्य की उनकी ख्वाहिश थी. जो साल 2000 में पूरी हुई.
इस इलाके का इतिहास भी काफी समृद्ध है. जिसकी वजह है ब्रिटिश शासन के दौरान, बिरसा मुंडा का आंदोलन. 15 नवंबर, 1875 को जन्मे बिरसा ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ आदिवासी समुदाय को लामबंद किया. बिरसा ने अंग्रेजों की नाक में दम कर दिया था. अंग्रेजों ने उन्हें 3 मार्च, 1900 को गिरफ्तार कर लिया और दुर्भाग्य से 9 जून, 1900 को रांची की जेल में मात्र 25 साल कीउम्र में उनकी मृत्यु हो गई
राज्य के बारे में कुछ रोचक बातें