दिल्ली हाई कोर्ट की जज प्रतिभा मनिंदर सिंह को देश की सबसे ज्यादा प्रभावशाली हस्तियों की सूची में शामिल किया गया है. साल 2021 के लिए जारी हुई मोस्ट इनफ्लूएंशियल पीपल्स की लिस्ट में में बौद्धिक संपदा, कानून, नीति और कारोबार के क्षेत्रों से विशेषज्ञों को शामिल किया गया है. जस्टिस प्रतिभा मनिंदर सिंह के अलावा इस प्रतिष्ठित सूची में न्यायिक क्षेत्र की आठ और हस्तियां भी शामिल हैं.
पचास लोगों की इस सूची में 21 उद्योग जगत की हस्तियां हैं. नौ न्यायिक जगत की, नौ सार्वजनिक क्षेत्र के पदाधिकारी, छह बौद्धिक संपदा के क्षेत्र से और पांच उल्लेखनीय सेवाओं के क्षेत्र की मशहूर और प्रभावशाली हस्तियां हैं. जस्टिस प्रतिभा एम सिंह दिल्ली हाईकोर्ट में बौद्धिक संपदा अधिकारों से जुड़े अपराध या मामलों से निपटने के लिए बनाई गई समिति का अहम हिस्सा रही हैं. समिति की सिफारिश पर इसी साल 2021 में दिल्ली हाई कोर्ट की जज जस्टिस प्रतिभा मनिंदर सिंह को देश की सबसे ज्यादा प्रभावशाली हस्तियों की सूची में शामिल किया गया है. साल 2021 के लिए जारी हुई मोस्ट इनफ्लूएंशियल पीपल्स में बौद्धिक संपदा के कानून, नीति और कारोबार के क्षेत्रों से विशेषज्ञों को शामिल किया गया है.
इस सूची में 21 उद्योग जगत की हस्तियां
पचास लोगों की इस सूची में 21 उद्योग जगत की हस्तियां हैं. नौ न्यायिक जगत की, नौ सार्वजनिक क्षेत्र के पदाधिकारी छह बौद्धिक संपदा के क्षेत्र से और पांच उल्लेखनीय सेवाओं के क्षेत्र की मशहूर और प्रभावशाली हस्तियां हैं. जस्टिस प्रतिभा सिंह के अलावा इस प्रतिष्ठित सूची में न्यायिक क्षेत्र की आठ और हस्तियां भी शामिल हैं. जस्टिस प्रतिभा एम सिंह दिल्ली हाईकोर्ट में बौद्धिक संपदा अधिकारों से जुड़े अपराध या मामलों से निपटने के लिए बनाई गई समिति का अहम हिस्सा रही हैं. समिति की पुरजोर सिफारिश पर साल 2021 में ये डिविजन बना.
1991 से वकालत के पेशे में थीं
जस्टिस प्रतिभा एम सिंह विभाग बौद्धिक संपदा अधिकार से जुड़े विवादों पर मूल कार्यवाही, रिट याचिकाएं, आरएफए या फिर एफएओ से संबंधित मामलों में विशिष्ट सुनवाई सुनिश्चित करती हैं. हालांकि जो विवाद पीठ में सुने जाने या निपटाए जा सकने वाले हों उन पर सुनवाई नहीं करती हैं. दिल्ली हाईकोर्ट में जज बनने से पहले जस्टिस जस्टिस प्रतिभा एम सिंह 1991 से वकालत के पेशे में थीं. पेटेंट, ट्रेडमार्क, कॉपीराइट, डिजाइन, वनस्पति की नस्ल और किस्में, साइबर और इंटरनेट अपराध उनके पसंदीदा क्षेत्र रहे. इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स यानी IPR के लिए नीति बनाने वाली समिति में भी जस्टिस सिंह ने अपनी भूमिका अदा की.
आईपीआर थिंक टैंक की सदस्य हैं
जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह ने यूनिवर्सिटी लॉ कॉलेज, बैंगलोर से पांच साल का लॉ कोर्स पूरा किया. कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (यूके) सी एलएलएम करने के बाद उन्हें कैम्ब्रिज कॉमनवेल्थ ट्रस्ट से ओडीएएसएसएस स्कॉलरशिप मिली. इसके बाद 1991 में उन्होंने बार में दाखिला लिया. बेंच में पदोन्नत होने से पहले वह भारत में एक प्रमुख बौद्धिक संपदा वकील थीं. उन्हें पेटेंट, ट्रेडमार्क, डिजाइन, कॉपीराइट, पौधों की किस्मों, इंटरनेट कानूनों आदि सहित आईपीआर कानूनों के सभी क्षेत्रों में ऐतिहासिक मामलों को संभाला. वह आईपीआर थिंक टैंक की सदस्य हैं.