जानिए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल IFSO यूनिट के बारे में… टूलकिट, बुल्ली बाई ऐप, ऑनलाइन एग्जाम हैकिंग रैकेट समेत कई मामलों की कर चुकी है जांच 

दिल्ली पुलिस की आईएफएसओ यानी इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस ने मोहम्मद जुबैर को गिरफ्तार किया है. ये दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल है. इसने पहले भी कई राजनीतिक हस्तियों और कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दायर किया है. इसके अलावा कई मामलों की जांच इस टीम ने की है.

Delhi Police
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 28 जून 2022,
  • अपडेटेड 5:43 PM IST
  • जुबैर पर आईपीसी की धारा 295 ए और 153 ए लगाई गई है
  • दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने मोहम्मद जुबैर को गिरफ्तार किया है

फैक्ट-चेकिंग वेबसाइट ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को सोमवार को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के साइबर डिवीजन ने गिरफ्तार कर लिया. दिल्ली पुलिस की जिस साइबर क्राइम यूनिट ने मोहम्मद जुबैर को गिरफ्तार किया है उसका नाम IFSO यानी द इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस है. मोहम्मद जुबैर पर आरोप है कि उन्होंने लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है. एक ट्विटर यूजर की शिकायत पर उनपर मामला दर्ज किया गया है. 

बता दैं, जुबैर पर आईपीसी की धारा 295 ए (किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को उसके धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करने के इरादे से जानबूझकर किया गया कार्य) और 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) लगाई गई है.

क्या है इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस?

दिल्ली पुलिस की आईएफएसओ यानी इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस, एक स्पेशल यूनिट है जो सभी जटिल और संवेदनशील साइबर अपराध मामलों को देखती है. यह एक स्पेशल सेल का हिस्सा है. साइबर क्राइम यूनिट साइबर फोरेंसिक सुविधाओं के साथ एक एडवांस साइबर लैब से लैस है, जिसमें मोबाइल फोन और हार्ड ड्राइव से हटाए गए डेटा को फिर से जनरेट, हैश वैल्यूज को कंप्यूट करना, फोरेंसिक सर्वर का उपयोग करने, साइट पर जांच के लिए पोर्टेबल फोरेंसिक इक्विपमेंट ले जाने की क्षमता शामिल है. यहां तक कि ये टीम आसानी से नए एंड्रॉइड और आईओएस फोन के साथ-साथ चीनी फोन से भी डेटा निकलने में सक्षम है. 

रिपोर्ट्स के मुताबिक पहले इसी सेल को CyPAD (साइबर प्रिवेंशन अवेयरनेस डिटेक्शन) के नाम से भी जाना जाता था. दिल्ली पुलिस कमिशनर राकेश अस्थाना ने 2021 में साइबर सेल का नाम CyPAD से IFSO में बदल दिया था. 

वो प्रमुख मामले जिनमें आईएफएसओ हो चुकी है शामिल 

साइबर अपराधों, इंटरनेट के दुरुपयोग और सांप्रदायिक तनाव को रोकने के लिए, IFSO यूनिट ने हाल के दिनों में कई हाई-प्रोफाइल मामलों को संभाला  है. इसमें वो मामले भी शामिल हैं जिनमें कई राजनीतिक हस्तियों और कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया था.  अगर इसके पिछले केसों के बारे में बात करें, तो यूनिट ने कई प्रमुख मामले निपटाएं हैं. जैसे- जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि की टूलकिट मामले में गिरफ्तारी, 'बुली बाई' मामला, सुल्ली सौदा ऐप मामला या हाल ही में कुछ राजनीतिक नेताओं के खिलाफ कथित रूप से धार्मिक भावनाएं चोट पहुंचाने के लिए की गई एफआईआर. 

1. नूपुर, ओवैसी, यति नरसिम्हनंदा के खिलाफ कथित अभद्र टिप्पणी वाली एफआईआर

हाल ही में जून 2022 में अलग-अलग दलों के कई नेताओं द्वारा कथित अभद्र टिप्पणियों के सिलसिले में दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट ने दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की थीं. इसमें भाजपा के पूर्व नेता नवीन कुमार जिंदल और नूपुर शर्मा, एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी, शादाब चौहान, सबा नकवी, मौलाना मुफ्ती नदीम, अब्दुर रहमान, गुलजार अंसारी और स्वामी यति नरसिम्हनंदा एफआईआर में शामिल थे. आईएफएसओ ने अपनी दो एफआईआर में 31 लोगों का नाम दिया था.

बता दें, इस मामले में पैगंबर मुहम्मद के बारे में विवादास्पद टिप्पणियां की गई थीं. जिसके बाद देश भर में हुए प्रदर्शनों के बाद, IFSO ने ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया साइटों को पत्र लिखकर अपने-अपने प्लेटफॉर्म पर आपत्तिजनक सामग्री के बारे में जानकारी मांगी थी.

2. चीनी लोन फ्रॉड ऐप 

अप्रैल 2022 में कर्ज की रकम मुहैया कराने और चुकाने की आड़ में पीड़ितों से कथित तौर पर रंगदारी वसूलने के आरोप में दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों से आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया था. ये एक चीनी लोन फ्रॉड ऐप था.

3. बुल्ली बाई ऐप बनाने वाले नीरज बिश्नोई की गिरफ्तारी

बुल्ली बाई ऐप के निर्माता, असम के 21 साल के नीरज बिश्नोई को जनवरी 2022 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की IFSO यूनिट ने गिरफ्तार किया था. इसमें अनुमति के बिना, कई मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें ऐप पर पोस्ट की गईं थीं और उनकी नीलामी की जा रही थीं. इस मामले से काफी आक्रोश फैला था. ये ऐप 'सुल्ली डील्स' जैसा ही था जिसने 2021 में इसी तरह के मामले को ट्रिगर किया था. 

4. सुल्ली डील्स एप के निर्माता ओंकारेश्वर ठाकुर की गिरफ्तारी

'सुल्ली डील्स' ऐप के कथित संस्थापक और इसके पीछे के दिमाग वाले ओंकारेश्वर ठाकुर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रेटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) टीम ने जनवरी 2022 में इंदौर, मध्य प्रदेश में पकड़ लिया था. इसमें मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाने और अनधिकृत रूप से इसके माध्यम से उनकी तस्वीरों को शेयर करने के मामले ने काफी हंगामा किया था. 

5 . ऑनलाइन एग्जाम हैकिंग रैकेट का भंडाफोड़

जनवरी 2022 में इस इकाई ने एक बड़े ऑनलाइन एग्जाम हैकिंग रैकेट का भंडाफोड़ किया था. पूरे देश में जीमैट और जेईई प्रवेश परीक्षाओं में नकल करने में कथित तौर पर उम्मीदवारों की सहायता करने के बाद दिल्ली पुलिस के साइबर सेल ने छह लोगों को गिरफ्तार किया था.

6. 'टूलकिट' मामले में दिशा रवि की गिरफ्तारी

टूलकिट डॉक्यूमेंट मामले की जांच के तहत 22 साल के जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को फरवरी 2021 में गिरफ्तार किया गया था. दिशा रवि को इस यूनिट ने स्वीडिश एनवायरोमेंटलिस्ट ग्रेटा थुनबर्ग के साथ कथित तौर पर केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध से संबंधित "टूलकिट" शेयर करने के मामले में  बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था. पुलिस के अनुसार रवि "टूलकिट गूगल डॉक" का संपादक था और डॉक्यूमेंट के निर्माण और प्रसार में एक "मुख्य साजिशकर्ता" था. दिशा रवि पर देशद्रोह, धार्मिक दुश्मनी को बढ़ावा देने और आपराधिक साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया गया था. हालांकि, कुछ दिनों बाद कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी. 

 

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