हर कोई अपनी मेन इनकम से साथ एक साइड इनकम चाहता है, जिससे उसके थोड़े खर्चे चलते रहें. इसी कड़ी में बेंगलुरु में कई ऐसे लोग है, जिन्होंने अपनी कार को रेंटल कार एग्रीगेटर के साथ जोड़ा हुआ है. जिससे उनकी कार रेंट पर जाती है. ऐसे में जो भी रेवेन्यू जेनरेट होता है वह एग्रीगेटर और कार मालिक में बंट जाता है. यह मॉडल उन लोगों में काफी ज्यादा देखने को मिला जो लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं. उनका तर्क है कि कार्स बेसमेंट में धूल-मिट्टी में खड़ी रहे, इससे बेहतर है कि इसे रेंट पर दिया जाए. लेकिन एक आरटीओ के हरकत में आने के बाद से ऐसे सभी लोग सकते में आ चुके है.
कहां होती है कार बुक
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार कार मालिकों ने अपनी कार को जूमकार ऐप के साथ जोड़ा हुआ था. इस ऐप पर आप अपनी कार को लिस्ट कर सकते हैं. उसके बाद अगर किसी को कार की जरूरत पड़ती है, तो वह यहां आपकी कार पसंद कर लेगा और जरूरत के हिसाब से रेंट तय कर उसे किराय पर ले लेगा. लेकिन इसमें भी एक पेंच फंसा हुआ है जिसके चलते कार मालिकों पर चाबुक चला है.
पीली नंबर प्लेट जरूरी
यहां ज्यादातर जो कार लिस्ट की गई हैं, वह प्राइवेट हैं. यानि उनकी नंबर प्लेट सफेद वाली है. जबकि इन कार का यहां इस्तेमाल कर्मशियल पर्पस से हो रहा है. मोटर वेहीकल एक्ट कहता है कि अगर आपका वाहन कमर्शियली इस्तेमाल हो रहा है, तो जरूरी है कि उसकी नंबर प्लेट पीली होनी चाहिए. पीली नंबर प्लेट का मतलब ही होता है कि वह वाहन कमर्शियल पर्पस के लिए इस्तेमाल होता है. अब सफेद नंबर प्लेट वाली कार को कमर्शियल पर्पस के लिए देना गैर कानूनी है. इस वजह से कई कार मालिकों के उपर चाबुक चला है.
जब्त की गई 21 प्राइवेट कार
कसतूरीनगर आरटीओ ने मामले में 21 गाड़ियों को जब्त कर लिया है, जो जूमकार के साथ अटैच्ड थी. ट्रैफिक अफसरों का कहना है कि इसमें कई महंगी गाड़ियां भी शामिल थी जो बिना किसी परमिट के चलाई जा रही थी.
आरटीओ के अफसरो द्वारा पहले भी कई बार चेतावनी दी गई चुकी थी. लेकिन यह मामला थमने का नाम नहीं ले रहा था. जिसके बाद आरटीओ को कड़ा कदम उठाना ही पड़ा.
चलाया गया खास ऑपरेशन
कृष्णानंदा और उनकी टीम द्वारा बुधवार को एक खास ऑपरेशन चलाया गया. जिसके जो कार लिस्ट की गई थी, उनसे कॉन्टैक्ट कर बताया कि हमें ट्रिप पर जाना है और कार चाहिए. जिसके बाद टीम के सदस्य बुकिंग होने के बाद मौके पर पहुंचे और जहां पाया कि कार की नंबर प्लेट सफेद है, उसे सीधा जब्त कर आरीओ ले आए. जिसके बाद कार मालिकों को जीपीएस की मदद से पता लगा कि उनकी कार किसी एक जगह काफी लंबे समय से खड़ी है. इसके बाद उन्हें पता लगा कि असल में उनकी कार जब्त कर ली गई है.
वाहनों के उपर 30 से 35 हज़ार रुपए तक का चालान लगा दिया है. साथ ही जो गाड़िया राज्य के बाहर जाती है उनके उपर लाखों रुपए का जुर्माना लगा दिया गया है. बता दें कार मालिकों को मोटर वेहीकल एक्ट की धारा 200 के तहत दर्ज कर लिया गया है.