IPS Bhojram Patel के इन योजनाओं से लोगों का हो रहा भला, जानिए कैसे बदल रही उनकी जिंदगी

वैसे तो अपराध से जुड़े गतिविधियों पर नजर रखना और अपराधियों से लोगों को बचना पुलिस का काम है लेकिन कई बार पुलिस कुछ ऐसा काम करती है जिसकी सराहना पूरे देश में की जाती है. कोरबा पुलिस भी इन दिनों कुछ ऐसा ही कर रही है.

Korba Police
gnttv.com
  • कोरबा,
  • 09 जून 2022,
  • अपडेटेड 8:41 PM IST
  • कोरबा जिला पुलिस कई योजनाओं से लोगों का कर रही भला
  • चलित पुलिस थाना से समस्याओं का किया जा रहा समाधान

पुलिस शब्द सुनते ही एक ऐसा चेहरा हमारी कल्पना में उभर कर आता है, जो लाल-लाल डरावनी आंखों से हमें घूरता है, रौबदार आवाज में फटकारता है और बेहद निष्ठुरता के साथ किसी पर लाठी बरसा रहा होता है. लेकिन इससे अलग और इसके ठीक विपरीत, पुलिस का एक और चेहरा है, जिसे जानकर न केवल आपकी संवेदना जाग उठेगी बल्कि आप पुलिस की प्रशंसा कर उठेंगे. हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ की कोरबा जिला पुलिस की. जिसकी सोशल पुलिसिंग इन दिनों लोगों के दिलों में अपनी खास जगह बना रही है तथा बेहद लोकप्रिय हो रही है. और यह संभव हुआ है जिला पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल के प्रयास सें जो पुलिस की नई छवि गढ़ने की कई कामयाब और अभिनव योजनाओं को धरातल पर उतार रहे हैं.

चलित पुलिस थाना से समस्याओं का किया जा रहा निपटारा

आपने अब तक अपने शहर में कई स्थायी पुलिस थाना देखे होंगे. फरियादी अपनी समस्या लेकर इन पुलिस थानों में पहुंचते हैं. थानों में चक्कर लगाते-लगाते उनकी चप्पल घिस जाती है, लेकिन न्याय नहीं मिल पाता. लेकिन कोरबा जिले में पहली बार पुलिस थाना गांव-गांव और मोहल्ले-मोहल्ले चल कर पहुंच रही है. मगर इससे भी अधिक महत्वपूर्ण यह है कि इन चलित पुलिस थानों में पुलिस का स्थापित परम्परा से हटकर बिल्कुल नया, संवेदनशील और मानवीय चेहरा उभर कर सामने आ रहा है. सर्वमंगला पुलिस चौकी के बरेठ मोहल्ला के चलित पुलिस थाना को प्रभारी अधिकारी विभव तिवारी संचालित करते हैं. वो जब तक चलित पुलिस थाना में पहुंचते हैं तब तक विभागीय कर्मचारी मोहल्ले के महिलाओं पुरुषों को चौपाल में एकत्र कर चुके होते हैं. वे सबसे पहले नागरिकों को चलित पुलिस थाना के उद्देश्य की जानकारी देते हैं. इसके बाद लोगों की समस्याओं, शिकायतों की जानकारी मांगते हैं. मौके पर ही उनका निराकरण करते हैं. 

थाना प्रभारी विभव तिवारी की हो रही सराहना

थाना प्रभारी विभव तिवारी न सिर्फ अपराध से जुड़ी शिकायतें सुन रहे हैं बल्कि सब तरह कि समस्याओं को सुनकर सामाधान करने की बात भी कर रहे हैं. लोगों ने जब मोहल्ले के नागरिक वार्ड के सामुदायिक भवन में दरवाजा नहीं होने की बात कही तो उन्होंने नगर निगम में पहल कर दरवाजा लगवा देने का वादा भी किया. इतना ही नहीं वो बाहरी लोगों की मोहल्ले में आवारागर्दी की शिकायत करने की भी लोगों से अपील की और मौके पर ही एक कर्मचारी का मोबाइल नम्बर देकर उसे सूचना पर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करने का आदेश दिया. जिला पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल को जब इसकी जानकारी मिली तो वे भी विभव तिवारी के इस काम से खुश हो उठते हैं. पुलिस जवानों सहित सभी विभव तिवारी की इस काम के लिए सराहना करते नजर आते हैं.

पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल कई योजनाओं का कर रहे हैं संचालन

कोरबा के युवा पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल छत्तीसगढ़ के ही मूल निवासी हैं. आईपीएस में चयन से पहले वे शिक्षक थे. ग्रामीण परिवेश में जन्में, पले- बढ़े, शिक्षा प्राप्त कर ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल में ज्ञान की रोशनी बिखेरने वाले भोजराम पटेल को ग्रामीणों के दुःख दर्द, समस्याओं, जरूरतों और उनकी सहजता सरलता के कारण उनसे की जाने वाली ज्यादतियों की भरपूर जानकारी है. इसीलिए वे जिले में कई अभिनव योजनाओं का संचालन कर रहे हैं और आम नागरिकों की जिंदगी को सुगम बनाने का प्रयास कर रहे हैं. उनका मानना है कि पुलिस को अपने मूल कर्तव्यों यानी बेसिक पुलिसिंग के अलावे भी सामुदायिक दायित्वों का निर्वहन करना चाहिए. इसके लिए उन्होंने अलग अलग क्षेत्रों के लिए, अलग अलग जगहों के लिए, अलग अलग कई तरह की योजनाएं बनाई है. उनका कहना है कि पुलिस विभाग का आदर्श है विकास, विश्वास और सुरक्षा. पुलिसिंग इस ढंग से हो कि जनता के मन में विश्वास हो, विकास में सहभागी बने और आमजन के मन में सुरक्षा का भाव हो. उन्होंने पुलिस की भूमिका को विस्तार देते हुए आम जनता के सुख दुख का सहभागी बनाने का प्रयास किया है. इस दिशा में पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना एक महत्वपूर्ण पहल है.

'तुंहर द्वार' और 'खाकी के रंग स्कूल के संग' लोगों के बीच है काफी लोकप्रिय

कोरबा जिला पुलिस का एक अन्य अनुकरणीय योजना है पुलिस तुंहर द्वार. छत्तीसगढ़ के गांवों की चौपाल में बैठकर समस्याओं को सुलझाने की प्राचीन परंपरा की याद दिलाती यह योजना शिकायतों और समस्याओं के सही एवम त्वरित समाधान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण है. इसके अलावा कोरबा पुलिस 'खाकी के रंग स्कूल के संग' योजना भी चल रही है. पुलिस स्कूलों में पहुंच कर छात्र छात्राओं को कानूनों की जानकारी देती है और अपराधों को लेकर जागरूक बनाती है. कोरबा जिला पुलिस की योजनाएं लगातार लोकप्रिय हो रही है और लोगों को इसका फायदा भी मिल रहा है.

(कोरबा से गेंदलाल शुक्ल की रिपोर्ट)

 

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