अब आंधी-पानी से न संपत्ति का नुकसान होगा और न ही किसी की जान जाएगी. ऐसा भारतीय मौसम विभाग (IMD) अपनी 'टाइम मशीन' से करेगा. IMD की इस 'टाइम मशीन' का नाम है BFS (भारत फोरकास्टिंग सिस्टम). इसके जरिए आईएमडी बारिश, तूफान, भीषण गर्मी और कड़ाके की ठंड की और सटीक जानकारी समय से पहले दे देगा. इससे समय रहते लोग सचेत हो जाएंगे.
GFS से काफी बेहतर है BFS
भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने सोमवार को मौसम पूर्वानुमान प्रणाली भारत फोरकास्टिंग सिस्टम को लॉन्च किया है. इसे पुणे स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मिटियोरोलॉजी (IITM) ने बनाया है. इस सिस्टम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसका रिजॉल्यूशन 6 किलोमीटर तक है यानी यह 6 किमी तक के इलाके में मौसम का सटीक अनुमान लगाने में सक्षम है. यह पहले के ग्लोबल फोरकास्ट सिस्टम (GFS) और युग्मित पूर्वानुमान प्रणाली (CFS) से बेहतर है.
अमेरिका और ब्रिटेन से आगे निकला भारत
भारत BFS को लॉन्च कर अमेरिका और ब्रिटेन के ग्लोबल फॉरकास्ट मॉडल से आगे निकल गया है. यहां के फोरकास्टिंग सिस्टम 9 से 14 किलोमीटर के बीच का रिजॉल्यूशन देते हैं जबकि भारत का BFS का रिजॉल्यूशन 6 किलोमीटर तक है. भारत BFS से पहले 12 किलोमीटर की रिजॉल्यूशन पर मौसम का अनुमान लगाता था. यानी एक बड़े एरिया (144 स्क्वायर फीट) को एक यूनिट मानकर मौसम की जानकारी दी जाती थी.
अब बीएफएस के जरिए 36 स्कावयर किलोमीटर की एरिया को एक यूनिट मानकार जानकारी दी जा सकेगी. BFS से किसी गांव, शहर या जिले का भी लोकल मौसम पहले से पता चल सकेगा. यह सिस्टम आपदा जोखिम को कम करने, कृषि, वॉटर रिसोर्स मैनेजमेंट और जन सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी.
नए सुपरकंप्यूटर से होगा काम
BFS सिस्टम का मुख्य इंजन आर्का (Arka) सुपरकंप्यूटर है. इसकी प्रोसेसिंग स्पीड 11.77 पेटाफ्लॉप्स और स्टोरेज कैपेसिटी 33 पेटाबाइट्स है. अर्का सिर्फ 4 घंटे में डेटा क्रंचिंग कर सकता है, जबकि पिछले सुपरकंप्यूटर 'प्रत्युष' को 10 घंटे लगते थे. इसका मतलब है कि यह पहले से कई गुना तेज और ज्यादा डेटा स्टोर करने की ताकत रखता है. अभी देश में 40 डॉपलर रडार सिस्टम एक्टिव हैं, जिन्हें बढ़ाकर 100 किया जाएगा, ताकि देश के किसी भी कोने के मौसम का पता लगाया जा सके.
AI और मशीन लर्निंग के साथ काम करेगा BFS
भारत फोरकास्ट सिस्टम यानी BFS मूलतः एक न्यूमेरिकल वेदर प्रिडिक्शन (NWP) मॉडल है, लेकिन इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग तकनीकों का समावेश किया गया है. इससे न सिर्फ बारिश और तूफान का अनुमान होगा, बल्कि बीमारी फैलाने वाले मौसमों का भी अलर्ट पहले से मिल सकेगा.
इस सिस्टम की मदद से भारी बारिश, तूफान, गर्मी की लहर या अचानक बदलते मौसम की जानकारी पहले से दी जा सकेगी. आपको मालूम हो कि BFS के जरिए उत्पन्न डेटा दुनिया भर के शोधकर्ताओं के लिए उपलब्ध होगा. इससे वैश्विक मौसम विज्ञान के क्षेत्र में सहयोग और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा.