
अगर हौसला और जुनून हो तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है. हिमाचल प्रदेश की बेटी ने इसे सच साबित कर दिखाया. 29 साल की बेटी छोंजनि अंगमो ने माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा लहराकर इतिहास रच दिया. अंगमो भारत की पहली दृष्टिबाधित महिला बन गई हैं, जिन्होंने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी को फतह किया है. दृष्टिबाधित अंगमो ये कारनामा करने वाली दुनिया की 5वीं इंसान हैं.
दिव्यांग महिला ने किया एवरेस्ट फतह-
छोंजिन अंगमो हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के छोटे से गांव चांगो की रहने वाली हैं. अंगमो ने जो किया, वो किसी चमत्कार से कम नहीं है. छोंजिन ने 8848 मीटर ऊंची एवरेस्ट की चोटी को फतह किया है. उन्होंने इस चोटी पर तिरंगा फहराया है. अंगमो ने 19 मई 2025 को सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर दांडू शेरपा और गुरुंग मैला के साथ एवरेस्ट एक्सपीडिशन के तहत ये उपलब्धि हासिल की.
छोंजिन ने रचा इतिहास-
दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर फतह करके छोंजिन अंगमो ने इतिहास रच दिया है. अंगमो दुनिया की सबसे ऊंची चोटी फतह कहने वाली पहली भारतीय दिव्यांग महिला हैं. छोंजिन दृष्टिबाधित हैं. लेकिन इसके बावजूद उन्होंने ये कारनामा कर दिखाया है. छोंजिन दुनिया की 5वीं दृष्टिबाधित इंसान हैं, जिसने एवरेस्ट फतह किया है.
8 साल की उम्र में चली गई आंखों की रोशनी-
छोंजिन जब तीसरी क्लास में पढ़ रही थी तो उनकी आंखों की रोशनी चली गई. उस समय उनकी उम्र सिर्फ 8 साल थी. इसके बाद उनका दाखिला लेह के महाबोधि स्कूल और दृष्टिबाधित बच्चों के छात्रावास में कराया गया. छोंजिन का सपना था कि वो एक दिन माउंट एवरेस्ट फतह करें. उन्होंने दृष्टिहीनता को अपने सपनों के आड़े नहीं आने दिया.
छोंजिन ने दिल्ली यूनवर्सिटी से एमए किया है. साल 2024 में उनको CavinKare Ability अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. छोंजिन अंगमो यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की कर्मचारी हैं. बैंक ने उनके इस अभियान को स्पॉन्सर किया है.
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