मुंबईकरों को जल्द ही एक और मेट्रो लाइन की सौगात मिलने जा रही है. मुंबई में मेट्रो-3 कोलाबा- बांद्रा-सीप्ज़ लाइन का पहला ट्रायल रन शुरु कर दिया गया. मेट्रो के ट्रायल रन के दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मौजूद रहे. मेट्रो 3 कोलाबा-बांद्रा-सीप्ज़ लाइन 33.5 किमी की दूरी तय करने वाला पूरी तरह से भूमिगत कॉरिडोर है. मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अनुसार, मुंबई मेट्रो लाइन -3 ट्रेनों में आठ मेट्रो कारें होंगी, जो बढ़ी हुई सवारियों की आवश्यकताओं को पूरा करेंगी.
इस रूट की क्या होगी खासियत
मेट्रो लाइन 3 दक्षिण मुंबई को पश्चिमी उपनगरीय इलाकों से जोड़ेगी.
33.5 किमी का ये रूट अंडरग्राउंड होगा.
मेट्रो लाइन 3 में 27 स्टेशन होंगे, जिनमें 26 भूमिगत और एक जमीन पर होगा.
इसका पहला चरण दिसंबर 2023 तक और अगला चरण जून 2024 तक चालू होने की उम्मीद है.
2,400 यात्रियों के लिए होगी जगह
मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के मुताबिक, मुंबई मेट्रो लाइन -3 ट्रेनों में आठ मेट्रो कारें होंगी. मेट्रो ट्रेन के डिब्बे में लगभग 2,400 यात्रियों के लिए जगह होगी. ये मेट्रो ट्रेनें 85 से 95 किलोमीटर की रफ्तार से सफर करेंगी, जिससे मुसाफिरों के समय की काफी बचत होगी. दक्षिण मुंबई के कोलाबा से पश्चिमी उपनगरों तक ट्रैफिक से राहत मिलने की उम्मीद लगाई जा सकती है.
बता दें कि महाराष्ट्र की शिंदे-बीजेपी सरकार के लिए ये मुंबई मेट्रो लाइन थ्री प्रोजेक्ट बेहद अहम है. यह वही मेट्रो लाइन है जिस पर आरे में मेट्रो कार शेड के निर्माण को लेकर विवाद खड़ा हुआ था. उद्धवे सरकार ने पर्यावरण की चिंताओं का हवाला देते हुए आरे में कार शेड के निर्माण पर रोक लगा दी थी, लेकिन शिंदे-फडणवीस सरकार ने राज्य में सत्ता में आते ही इस फैसले को उलट दिया और अब इसे पूरा करने की तैयारी हो रही है.
क्या होंगे फायदे?
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस मेट्रो के चलने से हर रोज 17 लाख लोग यात्रा कर सकेंगे.
ट्रैफिक को लगभग 35 प्रतिशत कम करने की योजना है.
सड़कों से करीब 7 लाख वाहन कम हो जाएंगे. जिससे इस रूट की सड़कों पर भीड़भाड़ कम हो जाएगी.
यात्रा का समय जो अभी करीब 100 मिनट लगता है वो करीब घटाकर 50 मिनट तक हो जाएगा.
मुंबईवासियों के लिए यात्रा करना आसान तो होगा ही साथ ही वायु और ध्वनि प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी.