Agnipath Scheme: कुल 4 साल के लिए हो सकेंगे सेना में भर्ती, जानें नई स्कीम अग्निपथ के बारे में सबकुछ 

Agnipath Scheme: इसमें भर्ती हुए सैनिकों को जवान नहीं बल्कि अग्निवीर कहा जाएगा. इसमें केवल चार साल की नौकरी के लिए ही सैनिकों को भर्ती किया जाएगा. उसके बाद अग्निवीर सेना से हट जाएंगे.

Agnipath Scheme
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 04 जून 2022,
  • अपडेटेड 10:43 PM IST
  • जवानों को कहा जाएगा अग्निवीर 
  • युवा चार साल के समय के लिए सेना में शामिल होंगे और देश की सेवा करेंगे

देश में सेना की भर्ती के लिए जल्द ही नई योजना शुरू होने जा रही है. सरकार सैनिकों की भर्ती के लिए 'अग्निपथ प्रवेश योजना' लाने की तैयारी में है. इसे लेकर तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को शनिवार को योजना के बारे में जानकारी दी है. इसकी मदद से लोग आसानी से कम समय के लिए सेना में भर्ती हो सकेंगे. सरकारी सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी के अधीन सैन्य मामलों के विभाग और तीनों रक्षा बलों के प्रमुखों के साथ कार्यक्रम पर पीएम को प्रेजेंटेशन दी है.

जवानों को कहा जाएगा अग्निवीर 

इस योजना की एक और ख़ास बात है कि इसमें भर्ती हुए सैनिकों को जवान नहीं बल्कि अग्निवीर कहा जाएगा. इसमें केवल चार साल की नौकरी के लिए ही सैनिकों को भर्ती किया जाएगा. उसके बाद अग्निवीर सेना से हट जाएंगे और वो सिविल सेक्टर की नौकरियों के लिए भी जा सकते हैं.  

क्या है पूरी योजना?

दरअसल, अग्निपथ नाम की इस नई योजना के तहत युवा चार साल के समय के लिए सेना में शामिल होंगे और देश की सेवा करेंगे. इसका उद्देश्य रक्षा बलों के खर्च और आयु प्रोफ़ाइल को कम करना है. चार साल के आखिर में, ज्यादातर सैनिकों को ड्यूटी से मुक्त कर दिया जाएगा और उन्हें आगे के रोजगार के अवसरों के लिए सशस्त्र बलों से सहायता मिलेगी. 

अनुमान है कि इससे सेना का वेतन, भत्ता और पेंशन में हजारों करोड़ रुपये की बचत होगी.  एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, यह योजना पहले भारतीय सेना में और बाद में वायु सेना और फिर नौसेना में शुरू की जाएगी.

कौन कर सकेंगे आवेदन?

आपको बताते चलें कि योजना के लिए आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों की उम्र 18 से 24 साल के बीच होनी चाहिए. इसके लिए उन्हें फिजिकल टेस्ट पास करना होगा. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शैक्षिक आवश्यकताएं भारतीय सेना के समान ही होंगी. 

गौरतलब है कि आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे ने साल 2020 में इस योजना का प्रस्ताव रखा था. लेकिन अब जाकर इसपर फैले लिए जा रहे हैं और इसे लागू करने पर विचार किया जा रहा. 


 

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