'निजात' ने दी नई जिंदगी! नशे की लत छोड़ संतोष सिंह साहू ने जिंदगी को लगाया गले

साहू ने बताया कि वह घरेलू सामान के लिए दिए गए पैसे से शराब खरीदता था. उसके माता-पिता ने सोचा कि शादी के बाद वह नशा छोड़ सकता है, इसलिए उसकी शादी कर दी गई. 2016 में शादी हो जाने के बाद भी साहू की आदतें नहीं छुटी, यहां तक कि वो शराब के नशे में अपनी पत्नी के साथ मारपीट भी करता था.

कोरिया जिले में नशा विरोधी अभियान 'निजात' के पोस्टर
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 11 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 4:48 PM IST
  • इस अभियान की शुरुआत पिछले साल जुलाई में हुई थी
  • जिले में अब तक 200 जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं

मुकेश कुमार साहू छत्तीसगढ़ के  कोरिया जिले के सोनहत गांव के निवासी हैं. कल तक मुकेश नशे की लत की वजह से  दर -दर की ठोकरें खा रहे थे.. लेकिन आज मुकेश को इस लत से निजात मिल गई है, और अब वो नशीले पदार्थों के तस्करों को पकड़ने में स्थानीय पुलिस की मदद भी कर रहे हैं, और ये सब मुमकिन हो पाया है छत्तीसगढ़ पुलिस के अभियान  'निजात'  की वजह से.   अभियान  'निजात' के जरिए नशीले पदार्थों के अवैध व्यापार के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और  आज इस अभियान की बदौलत कई नशाखोर नशे की लत छोड़कर बेहतर जिदंगी जी रहे हैं. 

मुकेश कुमार साहू जब स्कूल में पढ़ता था, तभी से उसे शराब और गांजे की लत लग गई थी. नशे की लत की वजह से उसने अपनी पढ़ाई छोड़ दी.  इस लत ने उसकी शादीशुदा जिंदगी पर भी गहरा असर डाला.  बेटे के नशा करने की आदत से माता-पिता भी उससे दूर रहने लगे, लेकिन  अब साहू को इस लत से निजात मिल गई है  और अब वो नॉर्मल जिदंगी जी रहे हैं. 

गांवों की दीवारों पर  पोस्टर बैनर लगाकर  लोगों को किया जा रहा है जागरुक

कोरिया जिले के पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह ने बताया कि इस अभियान की शुरुआत पिछले साल जुलाई में हुई थी. इस अभियान के प्रचार-प्रसार के लिए जिले के सभी शहरों और दूर-दराज के गांवों में दीवारों पर चित्रकारी करके, पोस्टर और बैनर लगाकर लोगों को जागरुक किया जा रहा है. पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस अभियान के लिए बॉलीवुड के कलाकारों प्रभु देवा, अरबाज खान, राजपाल यादव और कैलाश खेर ने वीडियो संदेशों के जरिए लोगों से नशा छोड़ने की अपील की है.  वहीं छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध कलाकारों अभिनेता अनुज शर्मा, लोक गायिका तीजन बाई और ममता चंद्राकर ने भी अभियान को समर्थन दिया है. सिंह ने आगे बताया कि जिले में निजात अभियान के शुरू होने के बाद स्थानीय जनप्रतिनिधियों और आम लोगों ने इसे अपने क्षेत्रों में आगे बढ़ाया है.  जिले में अब तक अभियान के तहत लगभग 200 जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं, जहां नशा करने वाले सैकड़ों लोगों ने नशा छोड़ने का प्रण लिया. 

अभियान की बदौलत कई नशाखोरों को मिल चुकी है नशे से मुक्ति

बता दें कि निजात अभियान के शुरू होने के बाद से अब तक  Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act, (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत दर्ज 126 मामलों में 152 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि अवैध शराब की बिक्री से जुड़े  935 मामलों में 822 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. अधिकारी ने बताया कि जिले के सोनहत गांव में अभियान के दौरान मुकेश साहू पुलिस के संपर्क में आया और उसने वहां नशे की लत छोड़ने का प्रण लिया.  साहू ने बताया कि वह घरेलू सामान के लिए दिए गए पैसे से शराब खरीदता था. उसके माता-पिता ने सोचा कि शादी के बाद वह नशा छोड़ सकता है, इसलिए उसकी शादी कर दी गई. 2016 में शादी हो जाने के बाद भी साहू की आदतें नहीं छुटी,  यहां तक कि वो शराब के नशे में अपनी पत्नी के साथ मारपीट भी करता था.  पत्नी ज्यादातर  दोनों बच्चों के साथ मायके में रहने लगी , साहू के माता पिता ने भी साहू का साथ छोड़ दिया. साहू ने बताया कि कुछ महीने पहले सोनहत पुलिस थाने के प्रभारी शिव कुमार यादव ने उससे संपर्क किया और नशे की लत छोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया और अब वह अपने पूरे परिवार के साथ खुशी से रह रहा है. 

अभियान में खुद ही शामिल होने लगे हैं गांव के लोग

'निजात' अभियान से जुड़े 'समानता क्रांति' संगठन के सामाजिक कार्यकर्ता अमिताभ गुप्ता ने बताया कि लोग अब लोग अपनी मर्जी से इस अभियान से जुड़ रहे हैं और  उन्होंने स्थानीय स्तर पर समितियों का गठन किया है. उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत जिले के पटना पुलिस थाना क्षेत्र में  छिंदिया गांव पर ध्यान केंद्रित किया गया.  यह गांव नशे के कारोबार के केंद्र के रूप में कुख्यात था. माना जाता है कि छिंदिया गांव में पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश और झारखंड से नशीले पदार्थों की तस्करी की जाती है और उसे पूरे जिले में भेजा जाता है. 

गुप्ता ने बताया कि पुलिस ने पिछले छह महीनों में वहां नशीले पदार्थों के तस्करों के खिलाफ सफलतापूर्वक कार्रवाई की है और उनमें से कई को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने बताया कि पुलिस अधीक्षक की पहल से जिले के बैकुंठपुर शहर में 50 बिस्तरों वाला नशा मुक्ति केंद्र भी स्थापित किया गया है. 

 

Read more!

RECOMMENDED