खुद को बताता था कई देशों का एंबेसडर, कई नेताओं के साथ बनाई थी मॉर्फ फोटोज, ऐसे पकड़ा गया फर्जी डिप्लोमेट

जांच में सामने आया कि आरोपी शख्स खुद को West Artica, Saborga, Poulvia और Londonia जैसे कथित देशों का एंबेसडर बताकर लंबे समय से अवैध गतिविधियां चला रहा था.

illegal embassy
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 23 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 1:14 PM IST
  • गाजियाबाद में एक शख्स ने एक कोठी में खोल दी अवैध एंबेसी
  • अवैध रूप से वेस्ट आर्कटिक दूतावास चला रहा था
  • कई डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट लगी लग्जरी गाड़ियां बरामद की गईं

गाजियाबाद के पॉश इलाके में नोएडा STF (स्पेशल टास्क फोर्स) ने एक फर्जी दूतावास का भंडाफोड़ किया है. जांच में सामने आया कि आरोपी शख्स खुद को West Artica, Saborga, Poulvia और Londonia जैसे कथित देशों का एंबेसडर बताकर लंबे समय से अवैध गतिविधियां चला रहा था.

क्या है पूरा मामला?
STF को सूचना मिली थी कि गाजियाबाद की एक कोठी में एक संदिग्ध व्यक्ति विदेशी दूतावास होने का दावा कर रहा है और लोगों को भ्रमित कर रहा है. छापेमारी के दौरान वहां से कई लग्जरी गाड़ियां बरामद की गईं, जिन पर डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट लगी हुई थीं. इसके अलावा कोठी के अंदर अलग-अलग देशों के झंडे, नकली पासपोर्ट, और राजनयिक दस्तावेज भी मिले.

खुद को बताता था राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का करीबी
सबसे चौंकाने वाली बात ये थी कि आरोपी ने खुद को कई काल्पनिक देशों का एंबेसडर घोषित कर रखा था और आम लोगों के साथ-साथ कई बड़े अधिकारियों को भी झांसे कर चुका था. उसने लोगों को प्रभावित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति और अन्य वैश्विक नेताओं के साथ मॉर्फ की गई फोटोज़ तैयार कर रखी थीं, ताकि ऐसा लगे कि वह असल में इन सभी को जानता है.

डिप्लोमेटिक स्टेटस का फायदा उठाकर कर रहा था धोखाधड़ी
STF अधिकारियों के मुताबिक, आरोपी डिप्लोमेटिक स्टेटस का दावा कर लोगों से रिश्ता जोड़ता था और फिर उन्हें वीआईपी सुविधाओं और विदेशों में उच्च पद दिलवाने का झांसा देकर ठगता था. फिलहाल आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, फर्जी दस्तावेज बनाने और राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ के तहत केस दर्ज किया गया है.

STF की सतर्कता से हुआ बड़ा खुलासा
नोएडा STF की टीम ने तकनीकी निगरानी और खुफिया इनपुट के आधार पर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया. अधिकारी अब यह भी जांच कर रहे हैं कि इस फर्जी एंबेसी नेटवर्क के पीछे कोई अंतरराष्ट्रीय गैंग तो नहीं है.

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