
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अगुवाई में दिल्ली कैबिनेट की अहम बैठक हुई. इस बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए. सरकार ने खिलाड़ियों और एथलीटों के लिए पुरस्कार राशि बढ़ाने का फैसला किया है. अब ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ी को 7 करोड़ रुपए दिए जाएंगे. इससे पहले ये रकम 3 करोड़ रुपए थी. इतना ही नहीं, 10वीं परीक्षा में अच्छे नंबर लाने वाले सरकारी स्कूल के 1200 छात्रों को लैपटॉप दिए जाएंगे.
ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने पर 7 करोड़ रुपए-
दिल्ली कैबिनेट ने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए पुरस्कार राशि में बढ़ोतरी का फैसला किया है. सरकार ने मुख्यमंत्री खेल प्रोत्साहन योजना के तहत दिल्ली के लिए कई बड़े फैसले लिए. सरकार ओलंपिक खेलों में गोल्ड मेडल जीतने पर 7 करोड़ रुपए का इनाम देगी. इसके अलावा सिल्वर मेडल जीतने पर 5 करोड़ और ब्रॉन्ज मेडल जीतने पर 3 करोड़ रुपए का इनाम मिलेगा. अभी ओलंपिक खेलों में गोल्ड जीतने पर 3 करोड़ रुपए, सिल्वर जीतने पर 2 करोड़ रुपए और ब्रॉन्ज जीतने पर एक करोड़ रुपए इनाम मिलता है.
खिलाड़ियों को मिलेगी नौकरी-
इतना ही नहीं, सरकार ने ओलंपिक में गोल्ड और सिल्वर पदक जीतने वालों को ग्रुप A की नौकरी, ओलंपिक में ब्रॉन्ज जीतने वालों को ग्रुप B की नौकरी देने का फैसला किया है.
इसी तरह बाकी खेलों में मेडल जीतने वालों को भी A, B और C कैटेगरी की नौकरी दी जाएगी. इसके साथ ही स्कूली शिक्षा में दिल्ली सरकार हर नेशनल और स्टेट खिलाड़ी को 5 लाख की प्रोत्साहन राशि देगी. एलीट स्पोर्ट्सपर्सन को हर साल 30 लाख रुपए दिए जाएंगे.
175 स्कूलों में ICT लैब बनाने का फैसला-
इसके अलावा सरकार ने दिल्ली में ICT लैब्स स्थापित करने का फैसला किया है. दिल्ली में 1074 स्कूल हैं. किसी भी सरकारी स्कूल में फंक्शनल कंप्यूटर लैब नहीं है. दिल्ली सरकार ने CSR के जरिए 100 ICT लैब बनाया है. 907 लैब, जो केंद्र सरकार के पैसे से बनी थी, उसे भी पिछली सरकार ने अनफंक्शनल छोड़ दिया. इसलिए अब दिल्ली सरकार 175 स्कूलों में ICT लैब लगाएगी, जो सीबीएसई की अप्रूव्ड पैरामीटर पर होंगे. एक लैब में 40 कंप्यूटर होंगे.
10वीं पास करने वाले 1200 छात्रों को लैपटॉप-
दिल्ली सरकार ने मेधावी छात्रों के लिए भी बड़ा फैसला किया है. सरकार मेधावी छात्रों को लैपटॉप देगी. 10वीं क्लास में अच्छे अंकों से पास होने के बाद स्टूडेंट्स की पढ़ाई अच्छे चले, इसके लिए 1200 छात्रों को लैपटॉप दिए जाएंगे. इसका मकसद छात्रों को डिजिटल रूप से और ज्यादा सक्षम बनाना है.
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