Prabal Revolver: इस दिन प्रबल रिवॉल्वर की जाएगी लॉन्च, 50 मीटर तक है मारक क्षमता, वजन सबसे कम, जानें इसकी और खासियत

प्रबल रिवॉल्वर को कानपुर की AWPL कंपनी ने तैयार किया है. .32 बोर की रिवॉल्वर प्रबल की मारक क्षमता बाकी रिवॉल्वर से दोगुनी से अधिक है. इसकी वजन भी बहुत कम है. इसका ट्रिगर खींचना बेहद आसान है.

Prabal revolver
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 15 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 9:07 PM IST
  • प्रबल का वजन महज है 700 ग्राम 
  • बैरल की लंबाई 76 मिमी और कुल लंबाई 177.6 मिमी है

भारत की पहली लंबी दूरी की रिवॉल्वर प्रबल को 18 अगस्त 2023 को लॉन्च किया जाएगा. इस रिवॉल्वर को कानपुर स्थित एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया (AWEIL) ने बनाया है. यह रिवॉल्वर .32 बोर की है और 50 मीटर तक अपना निशाना साध सकती है, जो भारत में अन्य रिवॉल्वर से दोगुनी से भी अधिक है. ज्यादातर रिवॉल्वर की मारक क्षमता 20 से 25 मीटर मानी जाती है. 

साइड स्विंग सिलेंडर से लैस
एक रिपोर्ट केअनुसार प्रबल की सबसे खास विशेषता यह है कि इसका साइड स्विंग सिलेंडर है, जो रिवॉल्वर डिजाइन में एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है. AWEIL के डायरेक्टर एके मौर्य ने इसकी प्रमुख विशेषताओं पर जोर देते हुए कहा कि प्रबल रिवॉल्वर वजन में हल्की है और साइड स्विंग सिलेंडर से लैस है.

पुरानी रिवॉल्वर से क्या है अलग
एके मौर्य ने इसमें किए गए इनोवेशन को लेकर कहा कि पहले पुराने रिवॉल्वर मॉडल में कारतूस डालने के लिए बन्दूक को मोड़ने की आवश्यकता होती थी. इसके अलावा बाजार में मौजूद अन्य रिवॉल्वर की सीमा केवल 20 से 25 मीटर तक सीमित होती है. जबकि प्रबल की रेंज 50 मीटर है. उन्होंने कहा  कि इसका वजन महज 700 ग्राम है (कारतूस को छोड़कर), इसकी बैरल लंबाई 76 मिमी और कुल लंबाई 177.6 मिमी है. इसका ट्रिगर खींचना बेहद आसान है, जो इसे महिलाओं के लिए भी एक सुविधाजनक विकल्प बनाता है.

वैध लाइसेंस रखने वाले कर सकते हैं खरीदारी
एके मौर्य ने कहा कि प्रबल रिवॉल्वर को आसानी से अपने हैंडबैग में ले जा सकते हैं, जिससे व्यक्तिगत सुरक्षा बढ़ जाती है. उन्होंने आगे बताया कि वेबली स्कॉट रिवॉल्वर जैसे फीचर्स वाली प्रबल की बुकिंग 18 अगस्त से शुरू होगी. वैध लाइसेंस रखने वाले लोग इसे खरीद सकते हैं.

सरकारी कंपनी है AWEIL 
AWEIL कानपुर के अर्मापुर में रक्षा उत्पाद बनाने वाली एक सरकारी कंपनी है. इसमें पूर्ववर्ती आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) की आठ फैक्ट्रियां शामिल हैं और यह मुख्य रूप से भारतीय सशस्त्र बलों, विदेशी सेनाओं और घरेलू नागरिक उपयोग के लिए छोटे हथियार और तोपखाने बंदूकें बनाती है. फर्म की स्थापना 2021 में ओएफबी के सात अलग-अलग सार्वजनिक उपक्रमों में पुनर्गठन और निगमीकरण के हिस्से के रूप में की गई थी. फर्म को इस साल 6,000 करोड़ रुपए के रक्षा उत्पादों के निर्माण का ऑर्डर मिला है. इनमें भारतीय सेना से 300 'सारंग' तोपों का ऑर्डर और यूरोपीय देशों से मिले 450 करोड़ रुपए के ऑर्डर शामिल हैं.

 

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