Sahitya AajTak 2025: रामकथा मनुष्यता का इम्युनिटी बूस्टर है- कुमार विश्वास

कवि कुमार विश्वास ने कहा कि एक पति रामकथा से आदर्श ग्रहण करता है कि अपना समूचा पुरुषार्थ लगाकर अपनी प्राण प्रिया को लंका से लेकर आएगा. इस देश में कोई मेहमान आता है, उसे भारत घुमाने को कहा जाता है तो उसे आगरा में एक कब्रिस्तान ले जाया जाता है, जहां दो लोग कब्र में लेटे हैं. अभी डोनाल्ड ट्रंप के पुत्र आए हैं, वो वहां घूम रहे थे. उन्होंने कहा कि अगर मुझे कभी कहा गया कि ये विदेश के मेहमान है, इनको देश का प्रतीक दिखाओ तो मैं आगरा नहीं जाऊंगा. कुछ भी नहीं तो उसे बिहार ले जाऊंगा. मैं उस व्यक्ति की यशगाथा सिखाऊंगा, जिसने अपने प्रेम को अपनी पत्नी को एक पर्वत से गिरकर फिसलते हुए मरते हुए देखकर हथौड़ा उठाया और राह बना दी.

Poet Kumar Vishwas (Photo Credit: Chandradeep Kumar/India Today)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 21 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 3:35 PM IST

दिल्ली में मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में साहित्य आजतक 2025 का आगाज हो गया है. साहित्य आजतक के 8वें संस्करण की शुरुआत कवि और लेखक कुमार विश्वास के प्रोग्राम 'अपने अपने राम' प्रोग्राम से हुई. इसमें कुमार विश्वास ने रामकथा की महत्ता पर चर्चा की. उन्होंने संस्कृति, राजनीति और समाज के विभिन्न पहलुओं को जोड़ते हुए रामकथा को इंसानियत का इम्युनिटी बूस्टर बताया.

राजनीति के पास समस्याओं का हल नहीं- विश्वास
कुमार विश्वास ने कहा कि अगर कोई चीज इस समय प्रासंगिक है तो हमारे धर्म जगत की महत्वपूर्ण कहानियां हैं. उन्होंने कहा कि समाज की समस्याओं का हल राजनीति के पास नहीं है. राजनीति समस्याओं की चर्चा करती है. समस्याओं के लिए नीति निर्धारित करती है. नीति लागू करने वाले तंत्र भी तैयार करती है. उसके बाद भी समस्या खड़ी है. उसका एकमात्र कारण है कि राजनीति सबकुछ तैयार करती है, लेकिन उसका आदर्श उपस्थित नहीं करती है. राम राजनीति का मॉडल तैयार करते हैं.

समस्याओं का निदान रामकथा के पास- विश्वास
कुमार विश्वास ने कहा कि समाज की समस्याओं का निदान रामकथा के पास है. हमारे भारत की सांस्कृतिक चेतना के पास है, क्योंकि हम सब बीमारियों पर चर्चा कर रहे हैं. करप्शन एक बीमारी है, जातिवाद एक बीमारी है, भाई-भतीजावाद एक बीमारी है, आतंकवाद एक बीमारी है, 1000 समस्याएं हैं. राजनीति इन समस्याओं पर चर्चा कर रही है. लेकिन रामकथा उसपर चर्चा कर रही है कि ये बीमारी पैदा ना हो.

कुमार विश्वास ने कहा कि रामकथा मनुष्यता का इम्यनिटी बूस्टर है, उससे इम्युनिटी बढ़ती है. अगर ये कहानी आपके अंदर है तो जितनी समस्याएं समाज में हैं, उनमें कमी आ सकती है. उन्होंने कहा कि अपराध को रोकना अलग काम है. अपराध घटित न हो, मनुष्य के अंदर चेतना ये अलग बात है.

दांपत्य जीवन की नींव रामकथा में है- कुमार विश्वास
उन्होंने कहा कि 50 साल पहले आपने कभी ये कहीं सुना था कि भारतीय दांपत्य जीवन में ये समस्याएं हैं. प्रेम विवाह के बाद भी आदमी 3 साल बाद नीले ड्रम में मिल रहा है. उन्होंने कि इस दांपत्य जीवन की नींव रामकथा में थी. जब पता था कि समस्त प्रकार के अवरोधों के बाद भी भगवान और सीता का संबंध, एक दुनिया के सबसे शक्तिशाली आततायी के बीच में आने के बाद भी फलित रहा तो हर स्त्री के मन में आता था कि ऐसा जीवन बीत सकता है.

क्या होता है माइ स्पेस? कुमार विश्वास
कुमार विश्वास ने कहा कि अभी समस्या स्पेस की आ गई है. हर एक को स्पेस की समस्या है. पति-पत्नी अभी विवाह हुए 4 दिन नहीं हुए और माइ स्पेस करने लगते हैं. उन्होंने कहा कि बड़ा अश्लील जुमला है. उन्होंने कहा कि माइ स्पेस माइ एडेंटिटी क्या होता है? एडेंटिटी तुम डाउनलोड हुई थी? पैदा हुए थे, जगत के मंगल के लिए प्रवृत एक स्त्री और पुरुष ने प्रेम से भरकर तुम्हें पृथ्वी पर प्रकट किया था और तुम्हारे ऐसे हो जाने के पीछे हजारों लोग लगे हैं. परिवार के लोग लगे हैं, मोहल्ले के लोग लगे हैं, समाज के लोग लगे हैं, स्कूल के लोग लगे हैं, इस देश के लोग लगे है. उन्होंने कहा कि जितना उन लोगों का तुम्हारे अंदर निवेश है, उतना उन लोगों के बारे में तुम्हें सोचना पड़ेगा, क्या होता माइ स्पेस, सोचना ही पड़ेगा. उन्होंने कहा कि ये तभी हो पाएगा. गोस्वामी जी ने कहा राम नाम मणिदीप धर, राम का नाम और उसका मणि दीपक अपनी जिह्वा पर धर ले, देहरी पर धर ले. जैसे देहरी पर धरा हुआ दीपक बाहर भी प्रकाश फेंकता है, अंदर भी प्रकाश फेंकता है.

कुमार विश्वास की युवाओं को सीख-
उन्होंने कहा कि मुंबई में किसी एक सितारे की तीसरी शादी से पैदा हुए दूसरे बच्चे के डायपर का रंग याद है आपको? लेकिन माता सीता की तीन बहनों के नाम याद नहीं हैं. जो पीढ़ी अपने अतीत का आदर नहीं करती, वर्मान छोड़ो, भविष्य भी उसे मार्ग के नहीं देता है. उन्होंने कहा कि राम की कहानी बचपन में सुन ली होती तो पैतृक संपत्ति के लोभ में पड़कर भाई की हत्या ना की होती, अपने पिता की हत्या ना की होती.

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