लद्दाख के सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी का आरोप, आईबी कर रही है मेरा पीछा

लद्दाख के सामाजिक और पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि आंग्मो ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में कहा है कि उनके पीछे लगातार आईबी के सर्विलांस लगे हैं

Sonam Wangchuk
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 23 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 4:51 PM IST

लद्दाख के जाने-माने सामाजिक और पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि आंग्मो ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा है कि उन पर लगातार इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और पुलिस का सर्विलांस लगाया गया है, जिससे उनकी निजी स्वतंत्रता और मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है.

जोधपुर जेल में पति से मुलाकात के दौरान भी रखी गई निगरानी
गीतांजलि आंग्मो ने बताया कि जब वह अपने पति से मिलने जोधपुर के केंद्रीय कारागार गईं, तब भी राजस्थान पुलिस और आईबी की टीम उनका पीछा करती रही. उन्होंने दावा किया कि उनकी पूरी यात्रा और पति से मुलाकात अधिकारियों की कड़ी निगरानी में हुई.

उन्होंने कहा कि जब वह जेल में सोनम वांगचुक से बात कर रही थीं, तब डीसीपी मंगलेश नामक अधिकारी और एक महिला कांस्टेबल उनके पास मौजूद थे. यही नहीं, इन अधिकारियों ने उनकी बातचीत के नोट्स भी बनाए.

सितंबर से चल रहा है सर्विलांस
गीतांजलि का कहना है कि यह निगरानी नई नहीं है. उन्होंने दावा किया कि सितंबर से ही दिल्ली में उन पर सर्विलांस रखा जा रहा है. उन्होंने कहा, “जब मैंने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, तब भी मैं खुफिया निगाहों में थी. मैं जहां भी जाती हूं, खुफिया एजेंसियों के लोग मेरा पीछा करते हैं.”

पुलिस ने एयरपोर्ट से सीधे कार में बैठाया, बाहर जाने नहीं दिया
गीतांजलि ने हलफनामे में बताया कि 7 अक्टूबर और 11 अक्टूबर को जब वह अपने पति से मिलने जोधपुर एयरपोर्ट पहुंचीं, तो उन्हें सीधे पुलिस वाहन में बिठा लिया गया. उन्होंने कहा, “मुझे जोधपुर में कहीं और जाने या किसी और से मिलने की अनुमति नहीं दी गई.” गीतांजलि ने इसे उनकी आवाजाही की स्वतंत्रता पर रोक बताते हुए कहा कि यह लोकतांत्रिक अधिकारों का सीधा उल्लंघन है.

गीतांजलि आंग्मो ने अपने हलफनामे में कहा कि पुलिस और खुफिया एजेंसियों की यह हरकत उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत उन्हें अभिव्यक्ति और आवाजाही की स्वतंत्रता, और अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और निजता का अधिकार प्राप्त है. उन्होंने मांग की है कि सरकार और पुलिस को ऐसे गैरकानूनी सर्विलांस से रोका जाए और नागरिकों की निजता का सम्मान सुनिश्चित किया जाए.

रिपोर्ट- संजय शर्मा

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