आगरा का ताजमहल, जो न केवल भारत की शान है, बल्कि विश्व धरोहर के रूप में भी जाना जाता है, अब और सुरक्षित होने जा रहा है. हाल के भारत-पाकिस्तान तनाव को देखते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने ताजमहल की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने का फैसला किया है. इसके लिए अत्याधुनिक एंटी ड्रोन सिस्टम और चेहरा पहचान तकनीक से लैस हाईटेक सीसीटीवी कैमरों का उपयोग किया जाएगा. यह कदम ताजमहल को किसी भी संभावित खतरे से बचाने और पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया जा रहा है.
ताजमहल की सुरक्षा पर विशेष ध्यान
उत्तर प्रदेश पुलिस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) रघुवीर लाल ने हाल ही में आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ ताजमहल का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने परिसर की मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया और कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए. निरीक्षण के बाद यह निर्णय लिया गया कि ताजमहल के चारों ओर सुरक्षा घेरा और सख्त किया जाएगा. इसके लिए निम्नलिखित कदम उठाए जाएंगे:
प्रशासन का बयान
आगरा के डीसीपी (सिटी) सोनम कुमार ने बताया, “इन नए सुरक्षा उपायों से ताजमहल को किसी भी संभावित खतरे से बचाया जा सकेगा. हमारा लक्ष्य न केवल विश्व धरोहर की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, बल्कि पर्यटकों और स्थानीय लोगों को भी पूर्ण सुरक्षा का एहसास कराना है.” उन्होंने यह भी कहा कि भारत-पाक तनाव को देखते हुए ताजमहल जैसे महत्वपूर्ण स्मारकों की सुरक्षा को और मजबूत करना समय की मांग है.
ताजमहल की सुरक्षा क्यों जरूरी?
ताजमहल न केवल भारत का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक प्रतीक है, बल्कि यह दुनिया भर के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र भी है. हर साल लाखों पर्यटक इस खूबसूरत स्मारक को देखने आते हैं. हाल के वर्षों में ड्रोन हमलों और आतंकी खतरों की बढ़ती आशंकाओं ने ताजमहल जैसे महत्वपूर्ण स्थानों की सुरक्षा को और महत्वपूर्ण बना दिया है. भारत-पाक तनाव, खासकर हाल के ऑपरेशन सिंदूर और ड्रोन हमलों की घटनाओं ने सुरक्षा एजेंसियों को और सतर्क कर दिया है.
वर्तमान में ताजमहल की सुरक्षा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), उत्तर प्रदेश पुलिस, और स्थानीय प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से की जाती है. परिसर में पहले से ही सीसीटीवी कैमरे, मेटल डिटेक्टर, और बैग स्कैनर जैसे उपकरण मौजूद हैं. लेकिन हाल के तनाव और तकनीकी प्रगति को देखते हुए, अब और उन्नत तकनीकों की जरूरत महसूस की जा रही है.
(अरविन्द शर्मा की रिपोर्ट)