BLO और SIR के काम में ऐसे उलझे शिक्षक... स्कूलों में पढ़ाई पहुंची ठप होने की कगार पर!

मतदाता सूची संशोधन के लिए शिक्षकों की पूर्णकालिक ड्यूटी पर लगाया गया है. इससे शिक्षा का समीकरण बिगड़ रहा है. कई स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं बचा है.

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gnttv.com
  • आसनसोल,
  • 07 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:34 PM IST

आसनसोल के कई प्राथमिक विद्यालयों में इस वक्त ब्लॉक लेवल ऑफिसर (BLO) के काम का ऐसा असर पड़ा है कि बच्चों की पढ़ाई लगभग ठप हो गई है. मतदाता सूची संशोधन (SIR) कार्य में शिक्षकों को पूर्णकालिक रूप से लगाया गया है, जिससे कई स्कूलों में कक्षाएं सूनी पड़ी हैं. शिक्षक खुद मान रहे हैं कि दोहरी जिम्मेदारी उठाना अब असंभव होता जा रहा है.

BLO और SIR के काम में उलझे शिक्षक
इस विद्यालय में कुल 51 विद्यार्थी हैं, लेकिन शिक्षक सिर्फ दो, कार्यवाहक प्रधान शिक्षक डब्लू नाथ और सहायक शिक्षक अतनु मंडल. दुर्भाग्य से दोनों को ही BLO का काम सौंपा गया है. डब्लू नाथ बताते हैं की इतने कम समय में SIR का काम और स्कूल दोनों संभालना बेहद मुश्किल है.

जिस क्षेत्र की जिम्मेदारी दी गई है, वह स्कूल से करीब 15 किलोमीटर दूर इस्को हाउसिंग इलाके में है. वहां दिन में लोगों को घर पर पाना भी कठिन है. BLO का काम, मिड-डे मील और स्कूल की पढ़ाई सब कुछ एक साथ नहीं हो सकता.

सहायक शिक्षक अतनु मंडल का कहना है की SIR का काम सीमित समय में पूरा करना है, लेकिन दबाव बहुत ज्यादा है. ऐसे में न काम सही से हो पा रहा है, न बच्चों की पढ़ाई. अगर शिक्षा विभाग से कोई डिप्यूटेशन शिक्षक भेजा जाता, तो थोड़ी राहत मिलती.

सरकारी काम और पढ़ाई में संतुलन हुआ मुश्किल
इस स्कूल की हालत भी खस्ता ही है. प्रधान शिक्षक अमिय मंडल और सहायक शिक्षक अभिमन्यु शूर, दोनों BLO के रूप में नियुक्त हैं. स्कूल में 36 छात्र-छात्राएं हैं, लेकिन दोनों शिक्षक बाहर BLO का काम कर रहे हैं. 

प्रधान शिक्षक अमिय मंडल कहते हैं की आयोग के आदेश से हमें पूर्णकालिक BLO बनना पड़ा है. घर-घर जाकर फॉर्म देना, लेना और मैपिंग करना. पूरा दिन इसी में निकल जाता है. स्कूल की पढ़ाई पूरी तरह बाधित हो गई है.

सहायक शिक्षक अभिमन्यु शूर की चिंता और भी गहरी है की हम दोनों BLO के काम में रहते हैं, तो बच्चों को पढ़ाने वाला कोई नहीं होता. BLO की जिम्मेदारी निभाना भी जरूरी है, और बच्चों की पढ़ाई भी. दोनों के बीच संतुलन बनाना नामुमकिन होता जा रहा है.

शिक्षा पर पड़ सकता है दीर्घकालिक असर
शिक्षकों का मानना है कि अगर BLO का काम लंबे समय तक जारी रहा, तो प्राथमिक स्तर के बच्चों की बुनियादी शिक्षा पूरी तरह ठप हो जाएगी. बच्चे पहले ही कोविड और अन्य कारणों से शिक्षा में पिछड़ चुके हैं. अब अगर BLO के काम के कारण भी स्कूल बंद जैसा माहौल बना रहा, तो स्थिति और भी भयावह हो जाएगी.

स्थानीय शिक्षकों और अभिभावकों का कहना है कि शिक्षा विभाग को तुरंत वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए. अस्थायी या डिप्यूटेशन शिक्षकों की तैनाती कर कम से कम कक्षाएं चालू रखी जानी चाहिए, ताकि बच्चों का नुकसान न हो. बच्चों की किताबें बंद हैं, ब्लैकबोर्ड सूने पड़े हैं और शिक्षक फॉर्म लेकर घर-घर घूम रहे हैं. लोकतंत्र की जड़ें मजबूत करने की इस कवायद में अगर शिक्षा की नींव हिल जाए, तो यह चिंता का बहुत बड़ा विषय है.

- अनिल गिरी की रिपोर्ट

 

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