लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस ट्रेनर एयरक्राफ्ट की फर्स्ट सीरीज प्रोडक्शन ने बुधवार को अपनी पहली उड़ान भरी. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने तेजस के खास परीक्षण विमान को बनाया है और इसकी पहली सीरीज के प्रोडक्शन की पहली झलक दिखाई है. लगभग 35 मिनट तेजस की ये उड़ान जारी रही, जिसे एचएएल ने एक बड़ा मील का पत्थर बताया है.
हर मौसम में उड़ान भरेगा तेजस
जानकारी के मुताबिक, तेजसी एफओसी ट्रेनर, तेजस एमके-1ए प्रोग्राम का हिस्सा है. इस तरह के कुल 10 एलसीए तेजस ट्रेनर बनाने की योजना है. एचएएल तेजस 4.5 पीढ़ी का आधुनिक फाइटर जेट है और सभी मौसम में चलने वाला मल्टीरोल लड़ाकू विमान है. हालांकि भारत तेजस के 2 स्क्वाड्रन्स को सेना में एक्टिवेट कर चुका है. अगले एक साल में 4 और स्क्वाड्रन सेना को सौंप दिए जाएगा.
क्या है तेजस की खासियत?
तेजस ध्वनि की गति यानी मैक 1.6 से लेकर 1.8 तक की तेज़ी से उड़ान भरने में सक्षम है. 52 हज़ार फ़ीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है. एक बार टेक ऑफ करने के बाद 3000 किमी की दूरी तक उड़ान भर सकता है. ये 6 तरह की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस हो सकता है. इसके अलावा हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल ब्रह्मोस-एनजी और डीआरडीओ एंटी-रेडिएशन मिसाइल ब्रह्मोस-एनजी एंटी शिप मिसाइल भी इसकी ताकत को बढ़ा देती है. इस पर लेजर गाइडेड बम, ग्लाइड बम और क्लस्टर वेपन भी लगाए जा सकते हैं.
हर किस्म के खतरनाक हथियार से लैस होगा तेजस
सबसे बड़ी बात ये है कि तेजस को किसी भी किस्म के खतरनाक हथियार से लैस किया जा सकता है. फिर चाहे वो हथियार स्वदेशी हो या विदेशी. 2027 के बाद नए स्वरूप वाला तेजस, मिराज 2000, जगुआर और मिग-29 जैसे लड़ाकू विमानों की जगह ले लेगा. तेजस एयर कॉम्बैट और ऑफेंसिव एयर सपोर्ट के लिए एक शक्तिशाली फाइटर जेट के तौर पर उभरा है. जो टोही और एंटी-शिप ऑपरेशन में अपनी अहम भूमिका निभाने की ताकत रखता है.