Dharmendra Death: बॉलीवुड के ही-मैन ने बोला दुनिया को अलविदा, लेकिन फिल्मों के डायलॉग दिलों में हैं ज़िंदा

बॉलीवुड के मशहूर एक्टर धर्मेंद्र का 89 साल की उम्र में निधन हो गया. उनका अंतिम संस्कार विले पार्ले श्मशान में किया जाएगा. अमिताभ बच्चन, सलमान खान और आमिर खान समेत कई दिग्गज विले पार्ले श्मशान पहुंच गए हैं.

gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 24 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 4:40 PM IST

बॉलीवुड में ही-मैन के नाम से मशहूर दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र ने आज दुनिया को अलविदा कह दिया. धर्मेंद्र ने 89 साल की उम्र में दुनिया से विदा ली. प्रोड्यूसर करण जौहर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर पोस्ट के जरिए एक्टर धर्मेंद्र के निधन की जानकारी दी.

वह बॉलीवुड की एक ऐसी अभिनेता थे जिनकी फिल्मों के केवल गानें ही नहीं, बल्कि डायलॉग ही बहुत फेमस रहे है. आइए बताते है बॉलीवुड में उनके सफरनामे के टॉप-10 डायलॉग.

  1. साल 1975 में आई फिल्म शोले के कई सीन लोगों को अभी भी याद हैं, लेकिन धर्मेंद का वो डायलॉग, 'बसंती, इन कुत्तों के सामने मत नाचना. हर किसी को जरूर याद होगा.

  2. शोले फिल्म का उनका डायलॉग 'एक-एक को चुन-चुन के मारूंगा' भी लोगों के बीच काफी फेमस रहा है.

  3. शोले फिल्म के कई डायलॉग फेमस है. उनमें से 'इस कहानी में इमोशन है, ड्रामा है, ट्रैजेडी है' भी काफी अच्छा है.

  4. रोमांटिक हीरो के साथ-साथ कई बार उन्होंने गुस्से वाला किरदार भी निभाया है. उन्होंने 1973 की फिल्म 'यादों की बारात' का डायलॉग 'कुत्ते कमीने! मैं तेरा खून पी जाऊंगा' भी काफी फेमस है.

  5. साल 2011 में आई उनकी फिल्म 'यमला पगला दीवाना' का डायलॉग 'ओए! इलाका कुत्तों का होता है, शेर का नहीं' यह आभास कराता है कि वह कितना बहादुर किरदार निभा रहे है. 

  6. 1977 में आई फिल्म धर्म वीर काफी चर्चित और लोगों की पसंदीदा फिल्म है. इस फिल्म का डायलॉग 'अगर तकदीर में मौत लिखी है तो कोई बचा नहीं सकता, अगर जिंदगी लिखी है तो कोई माई का लाल मार नहीं सकता' भी काफी पॉपुलर है.

  7. साल 1985 में आई फिल्म 'गुलामी' का डायलॉग 'कभी जमीन से बात की है ठाकुर? ये जमीन हमारी मां है' उनके फेमस डायलॉग की लिस्ट में से एक है.

  8. साल 1966 में आई फिल्म 'फूल और पत्थर' का डायलॉग 'ये दुनिया बहुत बुरी है शांति, जो कुछ देती है बुरा बनने के बाद देती है' भी कई मायनों से वास्तविकता से रिलेट करता है.

  9. उनकी फिल्म 'जीने नहीं दूंगा', जो साल 1984 में रिलीज हुई, उसका डायलॉग 'यह तो सो रहा था अमन का, बादलों को अपना तकिया बनाकर, इसे जगाया भी तुमने है और उठाया भी तुमने है' भी काफी फेमस है.

  10. 'किसी भी भाषा का मज़ाक उड़ाना घटियापन है और मैं वही कर रहा हूं', यह डायलॉग बेशक थोड़ा अलग लगे, लेकिन है काफी फेमस. यह उनकी फिल्म 'चुपके चुपके' का है, जो साल 1975 में आई थी.

 

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