भारत ने आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाया और पीओके के साथ पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया. इससे पहले भी भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई एक्शन लिया था. भारत ने पाकिस्तान से सिंधु जल समझौता रोकने के बाद रविवार को चिनाब नदी पर बने बगलिहार डैम का पानी रोक दिया था. लेकिन जब बारिश से चिनाब नदी का जलस्तर बढ़ने लगा तो सारे गेट खोल दिए. 23 अप्रैल 2025 को 29 हजार से अधिक क्यूसेक पानी था. लेकिन 5 मई 2025 को 11 हजार क्यूसेक रह गया. इस दौरान 61 फीसदी पानी घट गया.
बगलिहार डैम की कितनी है क्षमता-
जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में चिनाब नदी पर बगलिहार डैम बना है. इस डैम को बनाने का आइडिया साल 1992 में आया था. इसके बाद इस आइडिया को अमलीजामा पहनाने का काम शुरू हुआ. बगलिहार डैम बनाने का का साल 1999 में शुरू हुआ था और साल 2008 में काम पूरा हुआ था. इस डैम का दूसरा चरण साल 2015 में तैयार हुआ. इस डैम में 32.56 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी जमा हो सकता है.
पाकिस्तान को डैम पर आपत्ति क्यों?
बगलिहार डैम को लेकर पाकिस्तान हमेशा से आपत्ति जताता रहा है. उसका दावा है कि बगलिहार हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट सिंधु जल समझौता का उल्लंघन है. पाकिस्तान ने इसके लिए विश्व बैंक की मध्यस्थता की बात कहा था. विश्व बैंक ने साल 2007 में इसके डिजाइन में मामूली बदलाव को मंजूरी दी थी. विश्व बैंक ने इसकी क्षमता को कम करने की बात कही थी और इसकी ऊंचाई 1.5 मीटर तक कम करने को कहा था.
प्रोजेक्ट से कितनी बिजली बनती है?
बगलिहार हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट से बिजली उत्पादन होने से जम्म-कश्मीर में बिजली की आपूर्ति में काफी सुधार हुआ है. इस डैम पर बने हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट से 900 मेगावाट बिजली का प्रोडक्शन होता है. ये हर चरण में 450 मेगावाट बिजली पैदा करता है. बगलिहार डैम में 6 टर्बाइन लगे हैं. इसमें से हर टर्बाइन से 150 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है.
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