नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 15 फरवरी शनिवार रात मची भगदड़ (New Delhi Railway Station Stampede) में 18 लोगों की जान चली गई. देश भर में इस हादसे की आलोचना हुई. इस हादसे में सबसे बड़ी रेलवे की बताई जा रही है.
इस घटना में रेलवे (Indian Railway) की कई बड़ी गलतियां सामने आई हैं. इस वजह से इतना बड़ा हादसा हुआ. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (New Delhi Railway Station) पर हुए हादसे के दिन रेलवे के अधिकारी कर्मचारी हाथ पैर बांध कर बैठे थे.
रेलवे जिम्मेदार
प्लेटफॉर्म पर लगातार भीड़ भी बढ़ती जा रही थी. फायर के अधिकारी ने अपना नाम ना बताते हुए गुड न्यूज टुडे (आज तक) को ये जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि भीड़ काफी ज्यादा थी. जो लोग घायल थे उनको कुली और पीड़ितों की मदद से बाहर लाया गया. इससे पहले इतनी भीड़ रेलवे स्टेशन पर कभी नहीं देखी गई.
रेलवे की पांच बड़ी गलतियां
1. ट्रेन की टाइमिंग भीड़ की बना वजह
रेलवे से मिली जानकारी के मुताबिक, स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 14 पर मगध एक्सप्रेस रात के 9:05 पर रवाना होनी थी, वह 9:15 पर रवाना हुई. इसके चलने के साथ ही स्टेशन पर प्रयागराज जाने वाली प्रयागराज एक्सप्रेस 10:10 पर चलने वाली थी. इस ट्रेन के लिए हजारों यात्री पहुंचे हुए थे.
प्लेटफार्म नंबर 13 से चलने वाली स्वतंत्रता एक्सप्रेस का समय रात को 9:15 बजे था. रेलवे ने उसका टाइम बदलकर रात को 11:45 बजे कर दिया. इस वजह से प्लेटफार्म पर यात्रियों की भीड़ बढ़ने लगी. भीड़ को कंट्रोल करने के लिए कोई इंतजाम रेलवे की तरफ से नहीं किए गए.
2. भीड़ प्रबंधन में नाकाम
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर रेलवे अधिकारी भीड़ प्रबंधन में विफल रहे. इससे भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई. त्योहार की मौके पर अक्सर रेलवे की तरफ से खास इंतजाम किए जाते हैं. छठ का पर्व हो या होली को लेकर भीड़ को प्लेटफॉर्म पर जाने से रोकने के लिए रेलवे की तरफ से बाहर टेंट लगाए जाते हैं.
त्योहार के समय व्यवस्थित ढंग से पैसेंजर्स को प्लेटफॉर्म पर भेजा जाता है. महाकुंभ के दौरान इस तरह के कोई भी इंतजाम रेलवे की तरफ से नहीं किए गए थे. डेढ़ महीने से चल रहे महाकुंभ को लेकर रेलवे की तरफ से कोई इंतजाम नहीं किए गए.
3. सुरक्षा उपायों की कमी
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा उपायों की कमी थी. इस वजह से भगदड़ को रोकने में विफलता हुई. बताया जा रहा है कि जब भगदड़ मची उस वक्त प्लेटफार्म पर आरपीएफ के एक-दो जवान ही तैनात थे. एक-दो जवान भीड़ को कंट्रोल करने में पूरी तरह से नाकाम दिखे.
अगर समय रहते भीड़ को बाहर ही कंट्रोल कर लिया जाता तो अंदर प्लेटफॉर्म पर भीड़ न बढ़ती. भीड़ का बढ़ाने का एक बड़ा कारण बड़ी संख्या में बांटे गए प्लेटफॉर्म टिकट भी हैं. नई दिल्ली स्टेशन पर हर घंटे 1500 यात्रियों ने अनारक्षित टिकट खरीदे.
4. यात्रियों को पूरी जानकारी ना होना
रेलवे अधिकारियों ने यात्रियों को पूरी जानकारी नहीं दी जिससे उन्हें अपनी ट्रेनों के बारे में पता नहीं चल सका. रेलवे स्टेशन पर भीड़ बहुत ज्यादा थी. उस दौरान यह घोषणा की गई प्रयागराज स्पेशल ट्रेन प्लेटफार्म नंबर 16 से जा रही है. जिस समय यह घोषणा हुई. उसी वक्त प्लेटफार्म नंबर 14 पर प्रयागराज स्पेशल थोड़ी देर में आने वाली थी.
इस घोषणा के बाद काफी बड़ी संख्या में यात्री प्लेटफार्म नंबर 16 की तरफ जाने लगे. वहीं कुछ लोगों को लगा कि 14 नंबर प्लेटफार्म से जो गाड़ी जाने वाली थी, वह अब 16 नंबर से जाएगी. इस वजह से प्लेटफार्म नंबर की सीढ़ियों पर भीड़ बहुत ज्यादा बढ़ गई जिसके कारण यह हादसा हुआ.
5. आपातकालीन सेवाओं की कमी
भगदड़ के समय आपातकालीन सेवाओं की कमी थी. इससे घायलों को समय पर उपचार नहीं मिल सका. रेलवे स्टेशन के अंदर और बाहर कोई भी आपातकालीन सेवाओं की व्यवस्था नहीं थी.
जब नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हादसा हो गया. उसके बाद बड़ी संख्या में एंबुलेंस लाई गई. मृतकों के रिश्तेदारों ने बताया कि वह अपने मरीज को कुली की मदद से बाहर लेकर के आए. हादसे के दौरान एंबुलेंस की बहुत कमी थी जिसके कारण ज्यादा लोगों की जान गई.
सुशांत मेहरा की रिपोर्ट.