उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सड़क हादसों में घायल लोगों की मदद के लिए एक अनूठी पहल की है. राहवीर योजना की शुरुआत की है. योगी सरकार राहवीर योजना के तहत, जो भी व्यक्ति सड़क हादसे में घायल व्यक्ति को अस्पताल या ट्रॉमा सेंटर तक पहुंचाएगा, उसे 25000 रुपए का इनाम और राहवीर के रूप में सम्मानित करेगी. इस योजना का उद्देश्य लोगों को डर और झिझक छोड़कर घायल व्यक्तियों की मदद के लिए प्रेरित करना है.
राहवीर योजना का उद्देश्य
सड़क हादसों के दौरान अक्सर लोग मदद करने से कतराते हैं, क्योंकि उन्हें पुलिस पूछताछ या कानूनी झंझटों का डर रहता है. इस योजना के तहत सरकार ने स्पष्ट किया है कि मदद करने वाले व्यक्ति को किसी भी प्रकार की कानूनी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. इसके अलावा यदि घायल व्यक्ति की इलाज के दौरान मौत हो जाती है, तो भी मदद करने वाले को सम्मान और इनाम मिलेगा, बशर्ते अस्पताल पुष्टि करे कि मौत का कारण सड़क हादसा था.
गौतमबुद्धनगर से शुरुआत
इस योजना की शुरुआत दिल्ली-एनसीआर के गौतमबुद्धनगर (नोएडा) जिले से की गई है. सरकार का मानना है कि 'गोल्डन आवर' यानी हादसे के पहले एक घंटे में घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने से उसकी जान बचने की संभावना बढ़ जाती है. इस पहल के जरिए सरकार सड़क हादसों में होने वाली मौतों को कम करने का प्रयास कर रही है.
क्या है लोगों की राय
इस योजना पर लोगों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है. एक स्थानीय नागरिक ने कहा, यह योजना मानवता के हिसाब से बहुत अच्छी पहल है. इससे लोगों को प्रोत्साहन मिलेगा और सड़क हादसों में घायल व्यक्तियों की जान बचाई जा सकेगी. एक अन्य व्यक्ति ने कहा, हर दिन भारत में 450 लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवाते हैं. यदि यह योजना पूरे देश में लागू हो जाए, तो हजारों जिंदगियां बचाई जा सकती हैं.
सरकार का संदेश
उत्तर प्रदेश सरकार ने जनता से अपील की है कि वे इस योजना से जुड़ें और बिना किसी डर के सड़क हादसों में घायल लोगों की मदद करें. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पहल को राज्य में लागू करने के साथ-साथ इसे पूरे देश में लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया है.
मानवता और सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देने का प्रयास
राहवीर योजना न केवल सड़क हादसों में घायल व्यक्तियों की मदद के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह समाज में मानवता और सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देने का भी प्रयास है. सरकार की इस पहल से न केवल लोगों की जान बचाई जा सकेगी, बल्कि मदद करने वालों को भी समाज में एक नई पहचान मिलेगी.