Bhopal Gas Tragedy में अतिरिक्त मुआवजे की मांग वाली याचिका SC में खारिज, जानिए इसको लेकर अदालत में कब क्या हुआ

Bhopal Gas Tragedy Additinal Compensation Case: केंद्र सरकार ने साल 2010 में भोपाल गैस कांड के पीड़ितों के लिए अतिरिक्त मुआवजा की मांग के लिए क्यूरेटिव याचिका दायर की थी. केंद्र सरकार की तरफ से 7400 करोड़ रुपए की मांग वाली क्यूरेटिव याचिका दायर की गई थी.

भोपाल गैस कांड में अतिरिक्त मुआवजे के लिए दायर क्यूरेटिव याचिका SC में खारिज
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 14 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 12:17 PM IST

भोपाल गैस कांड के पीड़ितों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने करीब 7400 करोड़ की अतिरिक्त मुआवजे की मांग वाली क्यूरेटिव याचिका को खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डाऊ केमिकल्स के साथ समझौता फिर से नहीं खुलेगा. कोर्ट ने कहा कि लंबित दावों को पूरा करने के लिए आरबीआई के पास पड़े 50 करोड़ रुपए की रकम का इस्तेमाल किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर हम याचिका को स्वीकार करते हैं तो पेंडोरा बॉक्स खुल जाएगा.
आपको बता दें कि साल 1984 में 2 दिसंबर की रात को भोपाल में यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से जहरीली गैस का रिसाव हुआ था. जिसमें 16 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. इसके बाद साल 1989 में यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन ने 715 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया था. साल 1992 में पीड़ितों में इस रकम को बांट दिया गया. केंद्र सरकार ने मृतकों के परिवार को 1-3 लाख रुपए तक के मुआवजे का दिशा-निर्देश दिया. लेकिन साल 2010 में केंद्र सरकार ने मुआवजे की रकम बढ़ाने के लिए क्यूरेटिव याचिका दायर की. इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की क्यूरेटिव याचिका खारिज कर दी है.

2010 में दायर की गई थी क्यूरेटिव याचिका-
3 दिसंबर 2010 को भोपाल गैस कांड के पीड़ितों के लिए मुआवजे की रकम बढ़ाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दायर की गई थी. केंद्र सरकार ने यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन की उत्तराधिकारी फर्मों से अतिरिक्त 7844 करोड़ रुपए की मांग वाली याचिका दायर की थी.

अतिरिक्त मुआवजा मामले में कब क्या हुआ-
भोपाल गैस कांड के पीड़ितों के लिए अतिरिक्त मुआवजे के लिए क्यूरेटिव याचिका दायर की गई. आपको बताते हैं कि इस मामले में कब क्या हुआ.

  • 3 दिसंबर 2010 को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दायर की.
  • 28 फरवरी 2011 को सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की बेंच ने 13 अप्रैल से रोजाना आधार पर सुनवाई करने का फैसला किया.
  • 13 अप्रैल 2011 को क्यूरेटिव याचिका दायर करने में देरी को लेकर सवाल उठाया.
  • 20 सितंबर 2022 को इस मामले की सुनवाई जस्टिस एसके कौल की अगुवाई वाली संविधान पीठ ने की.
  • 20 सितंबर 2022 को जस्टिस एसके कौल की अगुवाई में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने मामले की सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि इस मामले में केंद्र सरकार का स्टैंड क्या है?
  • 11 अक्टूबर 2022 को केंद्र सरकार ने कोर्ट को जानकारी दी कि वो इस याचिका को आगे बढ़ाएगी और पीड़ितों के लिए अधिक मुआवजे की मांग करेगी.
  • साल 2023 में संविधान पीठ ने 10 से 12 जनवरी के बीच तीन दिनों तक दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं.
  • 12 जनवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने क्यूरेटिव याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया.
  • 14 मार्च 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की क्यूरेटिव याचिका खारिज कर दी.

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