कानपुर में एक कातिल, जिसने 43 साल पहले अपने साथियों के साथ एक व्यक्ति का मर्डर किया था, उसके बाद जमानत से छूटते ही 3 साल बाद एकदम से फरार हो गया. कानपुर की पुलिस उसकी हर शहर में तलाश करती रही, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला. लेकिन 40 साल बाद कानपुर पुलिस ने उसके एक साथी से सिर्फ इतना सुनकर कि वह गोंडा का जिक्र करता था, पुलिस ने गोंडा जिले में अपनी नजर दौड़ाई और 40 साल बाद इस हत्या आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. जब वह फरार हुआ था तो उसकी उम्र 30 साल थी और जब पकड़ा गया तो उसकी उम्र 70 साल थी. उसने अपने को छुपाने के लिए अपना नाम तक बदल लिया था, लेकिन 40 साल बाद वह कानून के शिकंजे में आ गया.
पूरा मामला
कानपुर के फीलखाना इलाके में 1982 को पर्वत कुमार नाम के युवक का मर्डर किया गया था. उसका मर्डर उसके ही चार साथियों ने किया था. उन चार साथियों में प्रेम प्रकाश भी शामिल था. पुलिस ने इसके बाद चारों लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया, जहां 1985 में 3 साल बाद चारों की जमानत हो गई. लेकिन जमानत के बाद बाकी तीन आरोपी तो कोर्ट में पेश होते रहे, ट्रायल चलता रहा, लेकिन प्रेम प्रकाश एकदम से गायब हो गया. उसका कहीं पता नहीं चल रहा था, जबकि कोर्ट लगातार उसे पेश करने के लिए पुलिस पर आदेश पर आदेश जारी कर रही थी. यहां तक कि हाई कोर्ट से भी कानपुर पुलिस के लिए आदेश जारी किया गया. कानपुर पुलिस के लिए हाई कोर्ट ने कमिश्नर तक को तलब कर लिया था.
इसी दौरान कानपुर पुलिस के फीलखाना थाने के दरोगा सिद्धान्त कुमार को बाकी तीन आरोपियों में से एक से बातचीत करने में पता चला कि प्रेम प्रकाश जब उनके साथ जेल में बंद था तो अक्सर गोंडा का जिक्र करता था. शायद वह वहीं का रहने वाला था. प्रेम प्रकाश कानपुर में प्राइवेट दुकानों में काम करता था, इन चारों के साथ रहता था, इसलिए ज्यादा किसी से मतलब नहीं था. इसलिए उसके बारे में ज्यादा किसी को जानकारी नहीं थी.
आजीवन कारावास के बाद खटखटाया कोर्ट को दरवाजा
जबकि अदालत से चारों हत्यारों को आजीवन कारावास मिल चुका था. इस सजा के बाद ये लोग हाई कोर्ट गए थे, जहां से हाई कोर्ट के बाद इन चारों को जमानत मिली थी. लेकिन उसके बाद तीन आरोपी तो कोर्ट में पेश हो रहे थे. यह चौथा फरार था. इसलिए अदालत बार-बार पुलिस पर आदेश जारी कर रही थी कि प्रेम प्रकाश को भी पकड़ कर लाइए.
इधर बाकी के तीनों आरोपी भी परेशान थे कि उनका चौथा साथी मिल नहीं रहा. एक हत्या आरोपी से गोंडा का जिक्र सुनकर दरोगा सिद्धान्त कुमार ने गोंडा जिले में ही अपनी नजर गड़ा दी, लेकिन उन्हें प्रेम प्रकाश नाम का कोई आदमी नहीं मिला. इसी दौरान उनके दिमाग में आया कि ऐसा तो नहीं कि उसने अपना नाम बदल लिया हो. यह जानकारी समझकर उन्होंने उन लोगों का पता करना शुरू किया जो कानपुर में रहे हों. तभी उनकी मुलाकात एक आदमी से हुई, जिसने बताया कि 40–45 साल पहले उनका एक मिलने वाला कानपुर के बिरहाना रोड में रहता था, जिसका पहला नाम तो प्रेम प्रकाश था, फिर उसने न जाने क्यों अपना नाम प्रेम प्रकाश से बदलकर प्रेम कुमार कर लिया.
बस इसके बाद पुलिस को 40 साल से फरार चल रहे प्रेम प्रकाश उर्फ प्रेम कुमार नाम के हत्यारे तक पहुंचने में टाइम नहीं लगा, क्योंकि प्रेम प्रकाश ने ही पुलिस से बचने के लिए अपना नाम प्रेम प्रकाश से बदलकर प्रेम कुमार कर लिया था. इसी नाम से उसने अपना वोटर आईडी कार्ड, राशन कार्ड, गांव में सारे कागजात प्रेम कुमार नाम से बनवा दिए थे. लेकिन कहते हैं ना कानून के हाथ लंबे होते हैं, इसलिए नाम बदलकर भी 40 साल तक छुपने के बाद शुक्रवार को कानपुर की पुलिस द्वारा उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
-रंजय ज़िंग की रिपोर्ट
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