नौ भाषाओं में है महारत, सरकारी स्कूल के फेल हुए बच्चे को लिया पढ़ाने का जिम्मा.. जानें कौन है सोनम वांगचुक

फिल्म में 3 इडियट्स में फुंसुख वांगड़ू का किरदार लद्दाखी शिक्षाविद्वान और प्रर्यावरण विद्वान सोनम वांगचुक से प्रेरित था. उन्होंने अपने घर को बनाने के लिए पर्यावरण की ऐसी चीज़ों का इस्तेमाल किया जिससे उनका घर माइनस 30 डिग्री में भी गर्म रहता है.

gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 26 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:34 PM IST

2009 में आई बॉलीवुड फिल्म 3 इडियट्स में आमिर खान ने ‘फुसुख वांगडू’ का किरदार निभाया था. यह किरदार असल जीवन के शिक्षाविद् और पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक से प्रेरित था. फिल्म में यह किरदार इस प्रकार से दिखाया गया था जो इनोवेशन और पर्यावरण के प्रति अपने प्रेम के लिए जाना जाता है.

पर्यावरण और साधारण जीवनशैली
सोनम वांगचुक भी प्रकृति से गहरा लगाव रखते हैं और बेहद साधारण जीवनशैली अपनाते हैं. उन्होंने अपना घर स्थानीय मिट्टी, पत्थर और लकड़ी से बनाया ताकि पर्यावरण पर कम से कम असर पड़े. घर में सोलर हीटिंग सिस्टम और इंसुलेटेड संरचना के कारण माइनस 30 डिग्री तापमान में भी गर्माहट बनी रहती है.

उनका घर एक “लाइव डेमो” की तरह है, जहां बगीचे, छोटे वर्कशॉप और सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट सब कुछ पर्यावरण के अनुकूल है. यह आमिर खान द्वारा निभाए गए किरदार के इनोवेशन को दिखाता है.

शिक्षा और भाषाओं में रुचि
सोनम वांगचुक का जन्म लद्दाख के एक गांव में हुआ है. उनके पिता सोनम वांग्याल एक राजनेता और मंत्री रह चुके हैं. गांव में स्कूल न होने के कारण उनकी प्रारंभिक शिक्षा मां ने लद्दाखी भाषा में दी. उन्होंने 9 साल तक मां से लद्दाखी में पढ़ाई-लिखाई की. बाद में उन्होंने एनआईटी श्रीनगर से इंजीनियरिंग की. बचपन में भाषाओं की कमी का अनुभव होने के कारण उन्होंने 9 भाषाएं सीखीं.

पारिवारिक जीवन और एचआईएएल
सोनम वांगचुक ने गीतांजलि जे. आंगमो से विवाह किया, जो आंत्रप्रेन्योर और शिक्षाविद् हैं. दोनों ने मिलकर हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स (एचआईएएल) की स्थापना की, जहां शिक्षा और पर्यावरण से जुड़े प्रयोग किए जाते हैं.

शिक्षा सुधार की पहल
इंजीनियरिंग के दौरान बच्चों को पढ़ाने से उन्हें सरकारी शिक्षा की खामियों का एहसास हुआ. इसके बाद उन्होंने “ऑपरेशन न्यू-सीप” और 1988 में कुछ साथियों के साथ एसईसीएमओएल की शुरुआत की. यह संस्था उन छात्रों को अवसर देती है जो सरकारी स्कूलों में असफल हो जाते हैं. यहां पर्यावरण के अनुकूल घर और शिक्षा के नए मॉडल विकसित किए गए.

 

Read more!

RECOMMENDED