कहते है कुछ कहानियां इतिहास बनाती है और कुछ कहानियां इतिहास सुनती हैं. मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल के लिए जब ताजमहल बनवाया तो उसकी सोच यही थी कि वो दुनिया का सबसे खास, बेहतर और नायब मकबरा तैयार करवाए जिससे आने वाली दुनिया मुमताज की खूबसूरती समझ पाए.
हाल ही में ताज महल के विवाद का साया फिर से गहराने लगा है. दरअसल लोगों का मानना है कि ताज महल के धरातल में यमुना से सटे सालों से बंद पड़े उन कमरों का राज खोला जाए. असल में ताज के धरातल में ये 22 कमरों का खेल है और कैसे करीब 370 सालों से ये 22 अंक ताज महल के साथ जुड़ा है जरा ये भी समझ लीजिए. वही हर अंक के आखिरी में 2 आना भी इस ताजमहल को विशेष बनाता है.
समझिए 22 कमरों का राज
ताज महल के बेसमेंट में 22 कैमरे बने हैं जो ताजमहल बनने के बाद केवल एक बार खुले हैं. ताज महल को बनवाने में 22 हजार छोटे बड़े मजदूरों की जरूरत पड़ी. शाहजहां ने 1631 में ताजमहल बनवाने का निर्णय लिया और 1632 में ताज महल का काम शुरू करवाया. ताज महल की छोटी और बड़ी गुम्बद की संख्या को भी अगर जोड़े तो वो भी कुल मिलाकर 22 हैं. इतिहास की इस सबसे खूबसूरत इमारत के साथ 22 के इस अंक ने अब विवादों को नया जन्म दिया है. आखिर 22 कमरों का रहस्य क्या है हो सकता है कि ये बात भी 2022 में सामने आ जाए.