बिहार से चलकर दिल्ली की ओर जाने वाली विक्रमशिला एक्सप्रेस में बम की खबर ने हड़कंप मचा दिया था. इसके बाद आनन फानन में अलीगढ़ जंक्शन पर ट्रेन को रोक कर बम व डॉग स्क्वॉड के साथ ट्रेन की चेकिंग की गई लेकिन इस दौरान कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला, जिसके बाद ट्रेन को अपने गंतव्य के लिए रवाना कर दिया गया. इसके बाद पुलिस ने कॉल करने वाले की तलाश शुरू की तो पता चला पश्चिमी दिल्ली निवासी मोनू सक्सेना ने इस संबंध में 139 व 112 पर कॉल की थी.
पत्नी को नहीं मिली सीट तो रची साजिश
मोनू को जब GRP अलीगढ़ जंक्शन से गिरफ्तार किया तो उसने बताया कि वह अपनी पत्नी के साथ विक्रमशिला एक्सप्रेस ट्रेन के स्लीपर कोच में सफर कर रहा था. मोनू अपने ससुराल भागलपुर से दिल्ली आ रहा था लेकिन ट्रेन में जगह नहीं थी इसलिए वह अपनी पत्नी के साथ स्लीपर कोच में टॉयलेट के पास बैठकर सफर कर रहा था. उसी समय उसके दिमाग में ये खुराफात आई. पुलिस के अनुसार आरोपी मोनू ने सोचा था कि बम व आतंकी के ट्रेन में होने की सूचना पर ट्रेन खाली हो जाएगी जिसके बाद वह आसानी से अपनी पत्नी के साथ सफर कर लेगा.
बम की सूचना दे रहा था तभी ट्रेन चल दी
इटावा जिले के जसवंत नगर रेलवे स्टेशन पर जब ट्रेन सिग्नल न मिलने की वजह से रुक गई, तब मोनू ने ट्रेन से उतरकर रेलवे के टोल फ्री नंबर 139 व UP पुलिस के 112 नंबर पर दो अलग-अलग नंबरों से कॉल कर विक्रमशिला एक्सप्रेस में बम व 4 से 5 बंदूकधारी आतंकियों के होने की सूचना दे दी. इस दौरान ट्रेन चल दी और उसने रफ़्तार पकड़ ली जिसकी वजह से मोनू ट्रेन में नहीं चढ़ पाया.
मजे के लिए कर दिया था फोन
SHO GRP थाना अलीगढ़ जंक्शन संदीप तोमर ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया विक्रमशिला एक्सप्रेस में बम व आतंकियों की झूठी सूचना देने वाले मोनू सक्सेना को भरथना-इटावा के पास से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. दिल्ली में मोनू मजदूरी करता है. इसका पूर्व में कोई आपराधिक इतिहास नहीं मिला है. जब इसे जेल भेजा गया तो इसने यही कहा कि ट्रेन में सीट नहीं मिल रही थी इसलिए मजे-मजे में फोन कर दिया था.