दिल्ली के घिटोरनी इलाके में जोरबा द बुद्धा सेंटर के नाम से मशहूर यह जगह वैसे तो मेडिटेशन, योग और तमाम तरह की वर्कशॉप के लिए जानी जाती है. यहां लोग रोजमर्रा की भागदौड़ से दूर एकांत में खुद से मिलते हैं, खुद को जानते और समझते हैं. अब न्यू ईयर ईव पर भी यहां कुछ ऐसा ही होने जा रहा है. 31 दिसंबर को जोरबा द बुद्धा में मेडिटेशन फेस्ट की तैयारी है, यानी नए साल की शुरुआत शोर नहीं, बल्कि शांति के साथ करने का मौका.
जश्न का तरीका अब बदल रहा है
यहां होने वाले न्यू ईयर सेलिब्रेशन में म्यूजिक जरूर है, लेकिन वह कानफोड़ू नहीं. अलग-अलग एक्टिविटी म्यूजिक के साथ होंगी, जिनका एक खूबसूरत मॉन्टाज लोगों को ऊर्जा से भर देगा. इस जश्न में न तो भारी भीड़ है और न ही तेज शोर. यह सेलिब्रेशन खुद से मिलने, अपने भीतर झांकने और अपने आसपास की छोटी-छोटी खुशियों को महसूस करने का एक यूनिक तरीका है.
Zorba The Buddha में इस बार न्यू ईयर का जश्न कुछ अलग अंदाज में
31 दिसंबर को जोरबा द बुद्धा में माहौल कुछ खास रहने वाला है. यहां की पहचान सिर्फ दूर-दूर तक फैली हरियाली नहीं है, बल्कि वह सुकून भी है, जिसे लोग यहां आकर महसूस करते हैं. लोग ध्यान लगाते हैं, खुद में खोकर नाचते हैं, अपने भीतर की ऊर्जा को बाहर निकालते हैं और स्वयं से साक्षात्कार करते हैं. यही ऊर्जा एक बार फिर न्यू ईयर ईव पर यहां देखने को मिलेगी, जब नए साल का जश्न बिल्कुल अलग अंदाज में मनाया जाएगा.
नए साल में हल्के मन के साथ कदम रखने का तरीका
यह जगह मन की शांति का कोना होने के साथ-साथ कला के रास्ते भी खोलती है. मेडिटेशन के अलावा यहां आर्ट से जुड़ी कई एक्टिविटी कराई जाती हैं. क्ले प्ले से लेकर फेस पेंटिंग तक, हर एक्टिविटी का मकसद एक ही है, मन का बोझ हल्का करना और अपने भीतर की पॉजिटिविटी को महसूस करना. साल भर की थकान, तनाव और नकारात्मकता को पीछे छोड़कर लोग यहां नए साल में हल्के मन के साथ कदम रखना चाहते हैं.
खुद को रीसेट करने का ट्रेंड
न्यू ईयर पर हर किसी के अपने-अपने प्लान होते हैं. कोई क्लबिंग पसंद करता है, तो कोई घर पर पार्टी. लेकिन दिल्ली की यह जगह नए साल के सेलिब्रेशन के लिए खास होने वाली है. खासतौर पर ऐसे समय में, जब खुद को रीसेट करने का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है, जोरबा द बुद्धा में मनाया जाने वाला यह न्यू ईयर जश्न लोगों को खूब पसंद आने की उम्मीद है.
जोरबा द बुद्धा के फाउंडर बोधि पारस कहते हैं कि आज का इंसान बाहर की पार्टी से ज्यादा अंदर की शांति की तलाश में है. यहां लोग नाचते भी हैं, ध्यान भी करते हैं और खुद से जुड़ते भी हैं. न्यू ईयर एक मौका है खुद को समझने और नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने का.