Digital Arrest: एक ठग ने सीबीआई अधिकारी बन किया फोन, दूसरा बना फर्जी जज और तीसरा पुलिस अधिकारी, लखनऊ में रिटायर्ड DGM से कर ली 47 लाख रुपए की ऑनलाइन ठगी

Lucknow News: एक बार फिर ठगों ने ऑनलाइन ठगी को अंजाम दिया है. इस बार लखनऊ में रिटायर्ड DGM को अपना शिकार बनाया है. उनसे 47 लाख रुपए की ऑनलाइन ठगी कर ली है. शिकायत के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है. आइए जानते हैं कैसे ठगी की घटना को ठगों ने दिया अंजाम?

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आशीष श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 16 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 4:46 PM IST

एक बार फिर ठगों ने ऑनलाइन ठगी को अंजाम दिया है. लखनऊ के शृंगार नगर, आलमबाग निवासी 80 वर्षीय ओमप्रकाश नारायण मिश्रा, जो यूपी पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) से रिटायर्ड डिप्टी जनरल मैनेजर हैं, साइबर ठगी का शिकार हो गए हैं. 11 नवंबर 2025 को ओमप्रकाश को अज्ञात नंबर से व्हाट्सऐप ऑडियो कॉल आई, जिसमें कॉलर ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया. उसने आरोप लगाया कि ओमप्रकाश के आधार नंबर पर फर्जी बैंक खाता खोला गया है, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग हुई है. इसके बाद शुरू हुआ दो दिन तक चलने वाला डिजिटल अरेस्ट.

और बताए गए खाते में भेज दी रकम
ठगों ने ओमप्रकाश को फर्जी कोर्ट हियरिंग और पूछताछ की धमकी देकर लगातार वीडियो कॉल पर रखा. कॉल में एक व्यक्ति जज की ड्रेस में कोर्ट रूम जैसा सेटअप दिखा रहा था, जबकि दूसरा वर्दी पहनकर खुद को पुलिस अधिकारी बताता रहा. आरोपी ने ओमप्रकाश को झांसा दिया कि असली दोषी पकड़ने के लिए उन्हें 47 लाख रुपए एक निर्दिष्ट खाते में ट्रांसफर करने होंगे. जांच के बाद पैसा लौटा दिया जाएगा. डर और दबाव में आकर पीड़ित ने बताए गए खाते में रकम भेज दी.

रुपए ट्रांसफर होते ही काट दिया फोन 
रुपए ट्रांसफर होते ही कॉल करने वालों ने फोन काट दिया और नंबर बंद कर दिए. ठगों ने 11 नवंबर और 12 नवंबर 2025 तक लगातार ओमप्रकाश से पूछताछ की, वीडियो कॉल पर धमकियां दीं. यहां तक कि व्हाट्सऐप पर फर्जी गिरफ्तारी वारंट भी भेजा. वर्दी पहने ठगों ने कहा कि केस मुंबई हाईकोर्ट में चलेगा और सहयोग न करने पर परिवार समेत जेल भेज दिया जाएगा.

पीड़ित के बेटे ने दर्ज कराई शिकायत 
घटना का पता चलने पर पीड़ित के बेटे ने 1930 पर शिकायत की और साइबर क्राइम थाने में एफआईआर दर्ज कराई. इंस्पेक्टर ब्रजेश यादव ने बताया कि पीड़ित की रिपोर्ट पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है और 25 लाख रुपए फ्रीज करा दिए गए हैं. साइबर सेल पूरे मामले की जांच कर रही है और ठगों के नंबरों व बैंक खातों की ट्रैकिंग जारी है.

 

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