चीन की शंघाई जियाओ टोंग यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने पहली बार दो मेल चूहों के डीएनए से एक संतान को जन्म दिया और हैरानी की बात ये है कि वह चूहा बड़ा होकर खुद पिता भी बना.
वैज्ञानिकों ने एक मादा चूहे के अंडाणु से उसका 'न्यूक्लियस' यानी जेनेटिक हिस्सा निकाल दिया. इसके बाद उन्होंने दो अलग-अलग नर चूहों के स्पर्म उसमें डाले. हालांकि यह इतना आसान नहीं था. वैज्ञानिकों को इसके लिए जीन एडिटिंग करनी पड़ी ताकि डीएनए का संतुलन बिगड़े नहीं. इस प्रक्रिया को एंड्रोजेनेसिस कहा जाता है.
बना हुआ भ्रूण (एम्ब्रियो) एक मादा चूहे के गर्भ में डाला गया. कुछ हफ्तों में चूहा पैदा हुआ. ये नर चूहा बड़ा हुआ और एक मादा से सामान्य मिलन के जरिए संतान भी पैदा की. इस प्रयोग में कुल 259 भ्रूणों को ट्रांसफर किया गया, लेकिन सिर्फ दो चूहे ही जिंदा रह पाए और सफल हुए. यानी सफलता दर बहुत कम है. वैज्ञानिकों ने साफ किया है कि इंसानों पर इसे तुरंत लागू करना फिलहाल जोखिम भरा हो सकता है.
आज के समय में समलैंगिक जोड़े अगर बच्चा चाहते हैं तो उन्हें सरोगेसी या किसी और महिला की मदद लेनी होती है. इस वजह से दोनों जैविक माता-पिता नहीं बन पाते. लेकिन इस एक्सपैरिमैंट के बाद पहली बार उम्मीद जगी है कि दो पुरुष भी मिलकर एक ऐसा बच्चा पैदा कर सकते हैं जो दोनों का डीएनए लिए हो.
वैज्ञानिक डॉ. हेलेन ओ’नील के मुताबिक, ये साबित करता है कि बच्चे पैदा करने के लिए सिर्फ मां की जरूरत नहीं है, अगर जीन एडिटिंग सही हो, तो केवल पिता भी बच्चा पैदा कर सकता है. यह रिसर्च विज्ञान की दुनिया में एक नई क्रांति की शुरुआत हो सकती है, जो गे कपल्स के लिए बच्चों को जन्म देने के नए रास्ते खोल सकती है.