Madhubani Painting: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद रामायण थीम की मधुबनी पेंटिंग वाले कपड़ों की बढ़ी डिमांड, मुजफ्फरपुर के सुजीत-स्वेता की संयुक्त मेहनत लाई रंग 

Ram Mandir: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद मुजफ्फरपुर के मधुबनी पेंटिंग कलाकार के यहां रामायण थीम की कलाकृतियों की डिमांड बढ़ गई है. पति-पत्नी ने मिलकर 60 दिनों में संपूर्ण रामायण थीम को स्कैच तैयार किया था. अब इस थीम की पेंटिंग वाले कपड़ों के काफी ऑर्डर मिल रहे हैं. इससे सुजीत और स्वेता की आमदनी काफी बढ़ गई है.

Sujit Kumar with Madhubani painting
gnttv.com
  • मुजफ्फरपुर ,
  • 29 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 3:55 PM IST

राम मंदिर निर्माण के बाद रामायण थीम की मधुबनी पेंटिंग वाले कपड़ों और कलाकृतियों की डिमांड में अचानक उछाल आया है. मुजफ्फरपुर के बालूघाट मोहल्ला निवासी कलाकार सुजीत कुमार और उनकी पत्नी स्वेता श्रीवास्तव इन दिनों अपनी अनोखी कलाकृति की वजह से सुर्खियों में हैं.

आमदनी में इजाफा
दंपति ने मिलकर 60 दिनों में संपूर्ण रामायण कथा को पारंपरिक मिथिला पेंटिंग शैली में स्केच किया था. जैसे ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण पूर्ण हुआ, रामायण थीम पर तैयार कपड़ों और पेंटिंग्स की मांग में मानों बाढ़ सी आ गई है. सुजीत और स्वेता के पास ऑर्डर लगातार बढ़ने लगे हैं. इससे दोनों की आमदनी में काफी बढ़ोतरी हुई है.

दो महीने की मेहनत से बनी अद्वितीय कलाकृति
सुजीत बताते हैं कि रामलला के भव्य मंदिर के निर्माण ने उन्हें प्रेरित किया कि रामायण की पूरी कथा को मिथिला पेंटिंग के माध्यम से जीवंत रूप दिया जाए. हर एक दृश्य बनाने में लगभग चार घंटे लगते थे. दो महीने की कड़ी मेहनत के बाद राम जन्म, गुरुकुल, सीता स्वयंवर, वनवास, सीता हरण, लंका युद्ध और विजय सहित पूरे रामायण के प्रमुख प्रसंग सजीव होकर उभर आए.

कागज से कपड़े तक पहुंची कला की मांग
शुरुआत में सुजीत-स्वेता ने सिर्फ कागज और बोर्ड पर पेंटिंग बनाई थी लेकिन लोगों की बढ़ती रुचि देखते हुए कपड़ों पर भी रामायण कथा चित्रित कराने के ऑर्डर आने लगे. इन्हें एक बड़ा ऑर्डर मिला है, जिसमें 80 मीटर कपड़े पर रामायण की शृंखला बनानी है. इस पर करीब 12 हजार रुपए का खर्च आएगा.

पति-पत्नी की संयुक्त मेहनत बनी पहचान
स्वेता बताती हैं कि मधुबनी और मिथिला पेंटिंग वे पहले से करते रहे हैं. राम मंदिर बनने के बाद सुजीत ने रामायण को कला के जरिए दिखाने का सुझाव दिया और दोनों ने मिलकर इसे पूरा किया. प्रोजेक्ट तैयार होते ही लोगों ने इसे खूब पसंद किया और लगातार ऑर्डर मिलने लगे. स्वेता के मुताबिक, अब कई परिवार अपने घर या मंदिर की दीवारों पर रामायण की कथा चित्रित करवाना चाहते हैं. इससे कला को पहचान तो मिली ही, साथ ही दोनों की आय भी काफी बढ़ गई है.

राम मंदिर ने हमारे व्यवसाय को पंख दे दिए
सुजीत और स्वेता दोनों का कहना है कि प्रभु श्रीराम के आशीर्वाद से राम मंदिर निर्माण ने उनकी कला और व्यवसाय को नई उड़ान दी है. रामायण थीम पर आधारित मधुबनी पेंटिंग अब उनके लिए पहचान और रोजगार दोनों का बड़ा साधन बन गई है.

(मुजफ्फरपुर से मणि भूषण शर्मा की रिपोर्ट)


 

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