गणेश चतुर्थी आने को है और गणपति बप्पा हम सबके घरों में विराजमान होंगे. सब लोग अपने अपने तरीके से गणेश जी का स्वागत करने के लिए तैयार हैं. उसी तरह से दिल्ली में रहने वाले राजेश कुमार भी एक अलग तरीके से गणेश जी का स्वागत कर रहे हैं.
मेरे सर राजेश कुमार ने 1200 से भी ज्यादा पेंटिंग्स और कलाकृतियां बनाकर अपने आराध्य को बुलाने की तैयारियां की है. राजेश कुमार ने कैनवास पर गणपति बनाने के अलावा पत्थर, शंख और पेड़ों के पत्तों पर भी उनके अलग-अलग रूपों को बनाया है.
इनमें एक और खास बात यह है कि इनकी हर एक तस्वीर एक कहानी बयां करती है. गणेश बताते हैं कि उन्होंने पीपल के पत्तों से लेकर अखरोट के पत्तों पर भी रंगों के जरिए गणपति बनाए हैं. और साथ ही साथ छोटे पेबल स्टोन और बड़े मार्बल ऊपर भी चित्रकारी की है. इसके अलावा उन्होंने शंख को भी गणपति का रूप दिया है.
वैसे तो राजेश कुमार पेशे से एजुकेशन बैकग्राउंड से ताल्लुकात रखते हैं लेकिन कला उनकी साधना है. इसीलिए उन्होंने अपनी साधना को कैनवास और अन्य माध्यमों पर उकेर कर इसे जाहिर किया है.
इनमें से कुछ कलाकृतियों की प्रदर्शनी उन्होंने दिल्ली के संस्कार भारती संकुल आर्ट गैलरी में भी लगाई है. वे बताते हैं कि उन्होंने हर पेंटिंग को जीरो वेस्टेज कांसेप्ट के तर्ज पर बनाया है. कई पेंटिंग जैसी भी है जिसमें उन्होंने स्केच पेन के सूखे हुए रंगों का इस्तेमाल किया है.
राजेश बताते हैं कि वह अपनी कला को साधना मानते हैं और इसीलिए वे किसी भी पेंटिंग या कलाकृति को बेचने में विश्वास नहीं रखते.