4-day work week: जर्मनी समेत दुनिया के वो विकसित देश, जहां है 4 डेज वर्क वीक का नियम

भारत में अभी कई संस्थानों में पांच दिन और कई संस्थानों में सप्ताह में छह दिन काम करने का प्रावधान है. भारतीय कंपनियों में काम करने वाले युवा हफ्ते में 40-45 घंटे काम करते हैं. भारत में भी 4 डे वर्क वीक लागू करने पर विचार किया जा रहा है.

4 Day work week
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 30 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 1:26 PM IST
  • नीदरलैंड में औसतन सबसे कम काम के हफ्ते
  • सबसे कामकाजी माने जाते हैं जापान के लोग

अपनी सुस्त अर्थव्यवस्था में जान डालने के लिए जर्मनी की सरकार कड़े कदम उठा रही है. कई जर्मन कंपनियों ने 1 फरवरी से 4 Day Week का एलान किया है. यानि हफ्ते में केवल चार दिन ही काम करना होगा, बाकी तीन दिन आराम. हालांकि ये व्यवस्था अभी ट्रायल के तौर पर है और 6 महीने तक चलेगा. इस ट्रायल का मकसद ये पता लगाना है कि क्या ऐसा करने से कर्मचारी ज्यादा खुश, सेहतमंद और प्रोडक्टिव रह सकते हैं. जर्मनी की कई कंपनियां हफ्ते में 4 दिन के वर्क कल्चर को अपनाने वाली हैं.

काम के प्रति बढ़ेगा उत्साह!
4 Day Week के लिए कर्मचारियों की सैलरी में किसी भी तरह की कोई कटौती नहीं की जाएगी. माना जा रहा है कि ऐसा करने से कर्मचारियों का काम के प्रति उत्साह बढ़ेगा और कंपनियों के पास कर्मचारियों की कमी का संकट भी दूर होगा. बता दें, भारत में अभी कई संस्थानों में पांच दिन और कई संस्थानों में सप्ताह में छह दिन काम करने का प्रावधान है. भारतीय कंपनियों में काम करने वाले युवा हफ्ते में 40-45 घंटे काम करते हैं. भारत में भी 4 Day Week लागू करने पर विचार किया जा रहा है. कई रिसर्च में यह दावा किया गया है कि काम के घंटे और दिन में कमी करने के बाद कर्मचारियों के काम की गुणवत्ता बढ़ जाती है. 

दुनिया के कई देशों में हफ्ते में 4 दिन काम और बाकी दिन आराम की पॉलिसी है. आइए जानते हैं कौन से हैं ये देश-

बेल्जियम
बेल्जियम यूरोपीय संघ का पहला देश है जिसने 4 डे वर्क वीक कल्चर की अपनाया है. हालांकि यहां 4-डे वर्क वीक में काम के कुल घंटे वही रहते हैं जो 5-डे वर्क वीक में होते हैं. यहां के लोग हफ्ते में केवल 40 घंटे ही काम करते हैं.

नीदरलैंड
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, नीदरलैंड में दुनिया में औसतन सबसे कम काम के हफ्ते होते हैं. वहां के लोग हफ्ते में सिर्फ 29 घंटे ही काम करते हैं. नीदरलैंड में कोई आधिकारिक नियम नहीं है, वहां लोग हफ्ते में सिर्फ 4 दिन ही काम करते हैं.

डेनमार्क
डेनमार्क में हर वीक 33 घंटे ही काम के लिए है. डेनमार्क में भी आधिकारिक तौर पर 4-डे वर्क वीक का एलान नहीं किया गया है लेकिन, वहां के लोग आम तौर पर वीक में केवल चार दिन ही काम करते हैं.

ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया में 20 कंपनियां 4 डे वर्क वीक का ट्रायल कर रही हैं. इसके अनुसार, ऑस्ट्रेलिया में एक कंपनी अपने कर्मचारियों से हर वीक 38 घंटे काम की उम्मीद कर सकती है.

जापान
जापान के लोग सबसे कामकाजी माने जाते हैं. यहां के लोग बुखार, सर्दी- जुकाम में भी दफ्तर से छुट्टी लेना पसंद नहीं करते. बावजूद इसके वहां की सरकार भी कंपनियों को 4 डे वर्क वीक विकल्प चुनने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. इसके पीछे सरकार का मकसद ये है कि लोग काम से हटकर भी अपने लिए वक्त बिताएं.

स्पेन
स्पेनिश सरकार 4-डे वर्क वीक के ट्रायल के लिए 50 मिलियन यूरो का निवेश करने की योजना बना रही है. इसमें स्पेन की लगभग 200 कंपनियां शामिल हो सकती हैं.

यूके
साल 2022 में यूके की कुछ कंपनियों ने भी 4 डे वर्क वीक का प्रयोग किया था, जिसमें लोगों को हफ्ते में 48 घंटे काम करना अनिवार्य था. ये अपने आप में सबसे बड़ा ट्रायल था. रिपोर्ट के मुताबिक 4 डे वर्क वीक की वजह से कर्मचारियों की Sick Leave में 65 प्रतिशत गिरावट देखी गई थी.

स्कॉटलैंड
स्कॉटलैंड में भी कर्मचारियों को एक सप्ताह में केवल चार दिन ही काम करना होता है. हालांकि ये ट्रायल के तौर पर है. अगर ये कल्चर सफल साबित हुआ तो इसे स्थाई तौर पर लागू कर दिया जाएगा. यहां की सरकार का मानना है कि काम के घंटे और दिन में कमी करने के बाद कर्मचारियों के काम की गुणवत्ता बढ़ जाती है. 

 

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